चंडीगढ़। पंजाब सरकार 1965 व 1971 के भारत-पाक युद्ध व 1962 के भारत-चीन युद्ध में शहीद सैनिकों की विधवाओं या कानूनी वारिसों के लिए 50 लाख रूपये का विशेष ग्रांट देगी। पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि बहुत समय पहले 1975 में एक नीति घोषित की गई थी और 1500 जंगी विधवाओं के निर्धारित समय में आवेदन जमा करवाये गये थे, जिनको ग्रामीण क्षेत्र में पड़ती कृषि वाली दस एकड़ जमीन या समय-समय पर नोटिफाई हुई कीमत पर जमीन के बदले बराबर नकद राशि दी गई थी।
पंरतु आवेदनकर्ताओं के लगभग 100 ऐसे मामले हैं जो किसी ना किसी कारण से निर्धारित तिथि तक नहीं आ सके । चार जनवरी 2010 तक निर्धारित अवधि के विस्तार के बाद भी 100 से अधिक आवेदकों के आवेदन प्राप्त हुये थे।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि बची हुई कृषि वाली जमीन अदालती सुनवाई के अधीन होने या अनाधिकृत कब्जे के कारण जंगी विधवाओं को जमीन का कब्जा देना व्यवहारिक रूप से असंभव है इसलिए जंगी विधवाओं या उनके वारिसों की मांग के मद्देनजर राज्य सरकार ने शेष रहते मामलों की तसदीक करके जंगी विधवाओं के बनते केसों में नकद ग्रांट देने का फैसला किया है।
यह भी स्पष्ट किया गया है कि जिस प्रकार पहले स्कीम नोटिफाई की गई है कि नकद ग्रांट का अनुमान जंगी विधवाओं की मलकीयत वाली बकाया जमीन का अनुपातिक आधार पर हिसाब से लगाया जाएगा। यह ग्रांट प्रत्येक छमाही को तीन किस्तों बीस लाख रूपये, 15 लाख रूपये और 15 लाख रूपये के रूप में दी जाएगी।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि मुख्यमंत्री ने इस योजना को स्वीकृति देते हुये कहा कि यह घोषणा बहुत ही हलीमी वाली भावना और हकीकत का गहरा एहसास करते हुये देश की आन व शान की रक्षा के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले बहादुर सैनिकों को श्रद्धाजंलि देने के लिए एक छोटा प्रयास है।
प्रवक्ता ने बताया कि रस्मी गजट का नोटिफिकेशन मंत्रीमंडल की स्वीकृति के बाद जारी किया जायेगा । डायरेक्टोरेट आफ सैनिक वैलफेयर द्वारा जंगी विधवाओं या उनके कानूनी वारिसों के गांव व शहर जाकर नकद राशि दी जाएगी ताकि जंगी विधवाओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े।
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal