पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को ‘अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस’ के मौके पर कहा कि प्रवासियों को शरण देना मानवीय दायित्व है. बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार पश्चिम बंगाल में शरण लेने के इच्छुक लोगों का अपनी क्षमता के अनुसार पूरा ध्यान रखेगी. बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘आज ‘अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस’ है. प्रवासियों को शरण देना हमारा मानवीय दायित्व है. हम बंगाल में शरण लेने के इच्छुक लोगों का अपनी क्षमता के अनुसार पूरा ध्यान रखेंगे.’’
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के अंतिम मसौदे से 40 लाख लोगों को बाहर किए जाने को लेकर तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख केन्द्र की भाजपा-नीत सरकार की तीखी आलोचन करती रही हैं. जिन लोगों के नाम सूची में शामिल नहीं किए गए हैं ममता ने उन्हें पश्चिम बंगाल आकर रहने का प्रस्ताव भी दिया था. ‘अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस’ 18 दिसम्बर को मनाया जाता है. इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा के संकल्प 55/93 के तहत 18 दिसंबर, 2000 को अपनाया गया.
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को तापसी मलिक की बरसी पर उन्हें याद किया. वर्ष 2006 में भूमि अधिग्रहण को लेकर सिंगूर में हुए आंदोलन के दौरान तापसी का बलात्कार कर उसे आग के हवाले कर दिया गया था. तापसी को याद करने के साथ ही बनर्जी ने 34 साल के वाम पंथी शासन के दौरान राजनीतिक हिंसा में मारे गए लोगों को भी श्रद्धांजलि दी.
बनर्जी ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘तापसी को उसकी बरसी पर श्रद्धांजलि. वर्ष 2006 में सिंगूर में किसान आंदोलन के दौरान युवा प्रदर्शनकारी का बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई थी. 34 साल के वामपंथी शासन के दौरान मारे गए लोगों को भी मेरी श्रद्धांजलि.’’
तापसी ‘सेव सिंगूर फार्मलैंड कमेटी’ की सदस्य थी. उसका झुलसा हुआ शव 18 दिसम्बर 2006 को सिंगूर में टाटा मोटर्स की फैक्टरी साइट से बरामद हुआ था. वर्ष 2006 में सिंगूर में व्यापक स्तर पर प्रदर्शन किया गया था, जब माकपा नेतृत्व वाली सरकार ने फैक्टरी के लिए जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की थी.
(इनपुट भाषा से)
आंदोलन कई महीनों तक चला था और देश-विदेश तक इसकी चर्चा थी. प्रदर्शनकारियों का समर्थन करने से तत्कालीन विपक्षी नेता ममता बनर्जी को भी काफी लोकप्रियता मिली थी.