दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए काम करने वाले तीनों शार्प शूटरों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के पदाधिकारियों और दक्षिण भारत के दो नेताओं की हत्या करनी थी। इसके लिए उन्हें चार करोड़ रुपये की सुपारी दी गई थी। इसमें से करीब 15 लाख रुपये अग्रिम राशि के रूप में दे दिया गया था, जबकि बचे हुए रुपये काम पूरा होने पर दिए जाने थे। उनके लिए होटल बुक कराने के साथ ही चार मोबाइल फोन और चार सिम भी उपलब्ध करवा दिए गए थे। सभी सिम फर्जी पते पर लिए गए थे।
यहां बता दें कि करीब ढाई महीने तक नजर रखने के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए काम करने वाले तीन शार्प शूटरों को गिरफ्तार किया था। इनकी पहचान अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ निवासी वली मोहम्मद, दिल्ली के मदनगीर निवासी शेख रियाजुद्दीन और केरल के कासरगौड निवासी मुहतासिम सीएम उर्फ थस्लीम के रूप मे हुई है। इसमें मुहतासिम को केरल जबकि अन्य दोनों को दिल्ली से दबोचा गया था।
स्पेशल सेल सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में आरोपितों ने स्वीकार किया है कि उन्हें गणतंत्र दिवस से पूर्व वारदात को अंजाम देना था। इसके पहले वे रेकी करने एक हफ्ते के लिए कनार्टक और केरल जाने वाले थे। वहां पाकिस्तान में बैठे अंडरवल्र्ड डॉन रसूल खान ने होटल बुक कराने के अलावा उनकी मदद के लिए चार लोगों को लगाया था। रेकी पूरी होते ही नेताओं की हत्या कर भूमिगत होने की योजना थी।
आरोपितों से मिली जानकारी के बाद पुलिस ने शार्प शूटरों की मदद करने वाले चार व्यक्तियों की तलाश शुरू कर दी है। इसके लिए कर्नाटक और केरल की जांच एजेंसियों से भी सहयोग लिया जा रहा है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि होटल किसने बुक करवाया था और इसके लिए रुपये किस माध्यम से अदा किए गए थे। ऑपरेशन का मास्टर माइंड पाकिस्तान में बैठा अंडरवल्र्ड डॉन रसूल खान था। यह तीनों शार्प शूटर मुहतासिम के माध्यम से उसके संपर्क में थे।
यहां पर बता दें कि तकरीबन एक दशक से भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के बड़े नेताओं के साथ पीएम नरेंद्र मोदी समेत आरएसएस के दर्जनों पदाधिकारी आतंकियों के निशाने पर हैं। वर्ष 2013 में यह चौंकाने वाला खुलासा रायपुर में पकड़े गए आतंकियों से मिले एक महत्वपूर्ण दस्तावेज से हुआ था। आतंकियों से मिले दस्तावेज में अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाने से जुड़े नेताओं की सूची शामिल थी। उनके नाम एवं फोटो का एक ग्राफिक्स बना हुआ था, जिस पर बंदूक के निशान थे।
पुलिस के एक अधिकारी ने तब कहा था कि इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि सभी नेता आतंकियों के निशाने पर हैं। रायपुर में पकड़े गए सिमी के दो आतंकवादी उमेर सिद्दीकी और अब्दुल वाहिद और इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी अजीजुल्लाह (अजीज) के पास से महत्वपूर्ण दस्तावेज प्राप्त हुए थे। इसमें एक दस्तावेज अरबी में लिखा हुआ था, जिसमें एक ग्राफिक्स बना हुआ था। ग्राफिक्स में नरेंद्र मोदी, आरएसएस के पदाधिकारी एवं अयोध्या में विवादित ढाचा ढहाने के मामले से जुड़े भाजपा नेताओं के नाम व फोटो थे। नेताओं की फोटो पर बंदूक का निशान बना हुआ था। ऐसे में कयास लगाया गया था कि ये सभी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की तैयारी में थे।