
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गैरसरकारी संगठनों और आतंकवाद में लिप्त संगठनो को मिल रहे विदेशी चंदे के मुद्दे पर 22 सितम्बर को एक बैठक बुलाई हैं जिसमे गृह मंत्रालय एक प्रेजेंटेशन देगा । ताजा उदहारण जाकिर नाइक का हैं । अभी हाल में ही गृह मंत्रालय ने रिज़र्व बैंक को आदेश दिया था कि विदेश से आये किसी भी धन को नाइक के संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को देने से पहले मंत्रालय की इजाज़त ली जाए । जाकिर नाइक के संगठनऔर उनके चैनल ‘पीस टीवी’ को विदेशो से मोटा चंदा मिलता हैं । एनआईए उनके संगठन को गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने की जांच कर रहा हैं । इसी तरह कश्मीर के कुछ संगठनो को भी विदेशो से चंद मिलता हैं, जिसका इस्तेमाल देश के खिलाफ होने का पता चला हैं ।
गुजरात में एनजीओ चलानी वाली तीस्ता सीतलवाड़ को विदेशो से भारी चंद मिलता हैं । अब उनके एनजीओ को विदेशो से चंद लेने पर पाबंदी लगा दी गयी हैं । अन्ना आंदोलन के दौरान भी आरोप लगते रहे हैं कि इंडिया अगेंस्ट कोर्रप्शन को देश में अस्तिरथा फेलाने के लिए विदेशो से धन मिल रहा हैं ।
इन सभी सूचनाओ को ध्यान में रखकर मोदी ने विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) को लेकर बैठक बुलाई हैं । एफसीआरए में समय समय पर संशोधन होते रहे हैं । आखिरी बार संशोधन साल 2010 में हुआ था । तब भी विदेशी चंदा लेने के लिए नियम कड़े करे गए थे. फिर भी जो कुछ खामियां बच गयी हैं, उन्हें भी दूर किया जाएगा । गृह मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग श्री मोदी के आदेश के चलते प्रेजेंटेशन तैयार कर रहे हैं ।
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