पुलिसकर्मियों में तनाव के चलते खुदकुशी के बढ़ते मामलों को देखते हुए साप्ताहिक अवकाश फिर दिए जाने की तैयारी है। एसएसपी अनंत देव ने बताया कि कानपुर में सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर (नान गजटेड) के लिए पुलिस अवकाश की व्यवस्था एक हफ्ते में फाइनल हो जाएगी। एक-दो दिन में पुलिस अफसरों के साथ बैठकर इस मसले में फैसला ले लेंगे।
कानपुर शहर में आईपीएस सुरेंद्र कुमार दास ने सुसाइड कर लिया था। प्रदेश में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं। पिछले दिनों पुलिस लाइन सभागार में लगे मेडिकल कैंप में मनोचिकित्सक व न्यूरोलॉजिस्ट ने दो दिन में 52 पुलिसकर्मियों और अफसरों का चेकअप व काउंसिंलग की थी।
डॉक्टरों ने सीएमओ के माध्यम से जो रिपोर्ट पुलिस अफसरों को दी है, उसमें लिखा है कि घर से दूर होने, छुट्टी न मिलने, अनियमित व लंबी ड्यूटी की समस्या से चलते ज्यादातर पुलिसकर्मी तनाव में हैं। कई पुलिसकर्मी तो आत्महत्या तक की सोचने लगे हैं। डॉक्टरों की यह रिपोर्ट सामने आने के बाद एसएसपी ने हर महीने पुलिस कर्मियों को तीन अवकाश (11वें दिन) दिए जाने के बावत योजना बनाना शुरू कर दिया है।
इस महीने के आखिरी सप्ताह या नवंबर के प्रथम सप्ताह में यह योजना लागू होने की उम्मीद है। एसएसपी ने बताया कि एक-दो दिन में सभी एसपी के साथ बैठकर योजना फाइनल करेंगे। पिछले दिनों एडीजी अविनाश चंद्र, आईजी आलोक सिंह और एसएसपी ने रात 1 से सुबह 4 बजे तक शहर में विभिन्न क्षेत्रों में घूम-घूम कर पुलिसकर्मियों की समस्याएं जानी थीं। एसएसपी ने बताया कि उन्होंने पिकेट, यूपी-100 व जेब्रा मोबाइल में तैनात 50 पुलिसकर्मियों से बातचीत की तो पाया कि पुलिसकर्मी अनियमित व लंबी ड्यूटी से परेशान हैं। कुछ पारिवारिक समस्या को लेकर चिंतित थे।
पहले भी लागू हुई थी योजना
कानपुर शहर में वर्ष 2014 में तत्कालीन एसएसपी अजय कुमार मिश्रा ने पुलिस को साप्ताहिक अवकाश देना शुरू किया था। दो-तीन महीने तक व्यवस्था चली थी लेकिन बाद में ठप हो गई थी। एक सिपाही के मुताबिक उसके 35 साल के करियर में चार बार इस तरह के अवकाश की बात उठी, लेकिन योजना धरातल पर नहीं उतरी। इसके पीछे अफसर फोर्स की कमी, वीआईपी ड्यूटी, त्योहारों की अधिकता आदि बताते हैं।