त्योहारी मौसम में भी शहर गंदा है। इस मुद्दे पर नगर निगम सदन की सोमवार को बुलाई गई बैठक हंगामेदार रही। सफाई और हरीभरी की लचर कार्यशैली पर पार्षद एकजुट रहे। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के नाम पर फर्जी वेतन का मुद्दा गूंजा। वहीं एलईडी लाइट लगाने में एग्रीमेंट के बावजूद निगम की ओर से की गई एसेसरीज की खरीद पर लाखों के गोलमाल का मामला सामने आया है। महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी के निर्देश पर नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने संबंधित फाइल जब्त कर ली है।
नगर निगम में सोमवार को दोपहर 2.10 बजे शुरू हुई सदन की कार्रवाई रात करीब 11 बजे तक चली। इस दौरान निर्णय लिया गया कि त्योहार के मौके पर भुगतान के बाद भी हड़ताल कराने वाले आउसोर्सिंग कर्मियों के ठेकेदारों को काली सूची में डाला जाएगा। कार्यकारिणी उपाध्यक्ष रतन दीक्षित ने हाथ में शीशा लेकर कहा, ‘हमें आरोप नहीं लगाना बस शहरियों की तरफ से उम्मीदों का आइना दिखाना है’। महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी की सहमति से मंदिरों, पूजा पंडालों के आसपास और मार्गों को दुरुस्त करने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कराया। नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने कूड़ा अड्डों को उच्चीकृत करने की जानकारी दी। बताया कि जल्द ही पोर्ट स्टेशन तैयार कर लिए जाएंगे। 47 अड्डे 33 में समाहित होंगे। कुंभ के लिए मिलने वाले 2,538 सफाई कर्मचारियों को नवंबर से काम पर लगाने की अनुमति मांगी गई है। तीन सौ से अधिक वाहनों का जोनवार आवंटन किया जाएगा।
पार्षद आनंद घिल्डियाल ने रोड कटिंग में बड़े घपले का आरोप लगाया। पार्षद सतेंद्र चोपड़ा, एहतेशाम रिजवी, मिथिलेश सिंह, अशोक सिंह, अखिलेश सिंह, मुकुंद तिवारी, कमाल, आजम, नीलम यादव, रंजन कुमार, नेम यादव, अजय यादव, कमलेश सिंह, कुसुमलता, ओपी द्विवेदी आदि ने हरी भरी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए अनुबंध समाप्त करने और मेला मार्ग दुरुस्त कराने की मांग उठाई। पार्षद किरन जायसवाल ने कहा कि सड़कों का डामरीकरण मानक के अनुरूप नहीं किया जा रहा है। इस पर महापौर ने व्यवस्था दी कि विकल्प मिलने तक हरी भरी काम करेगी। जैसे ही दूसरी कंपनी आई शहर की सफाई, कूड़ा अड्डों और बसवार प्लांट का काम वापस ले लिया जाएगा। निर्माण कार्यों की निगरानी भी बढ़ाई जाएगी। सदन में अपर नगर आयुक्त ऋतु सुहास, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके मिश्रा, सहायक नगर आयुक्त ओम प्रकाश, जलकल जीएम राधेश्याम सक्सेना, चीफ इंजीनियर सतीश चंद्र समेत सभी जोनल अधिकारी आदि मौजूद रहे।
शहर में एलईडी लाइट लगाने वाली कंपनी ईईएसएल से हुए अनुबंध के मुताबिक जिन अतिरिक्त बिजली के खंभों पर एलईडी स्थापित की जाएगी, वहां क्लैंप, पाइप और केबल भी कंपनी लगाएगी। इस मद में कंपनी को 1000 रुपये भुगतान निगम कर रहा है। जबकि अतिरिक्त लाइटों के लिए एसेसरीज निगम के बिजली विभाग ने खरीदी। 15 दिनोें से मांगी जा रही अनुबंध की फाइल निलंबन की चेतावनी के बाद विद्युत प्रभारी ने सदन के पटल पर रखी। महापौर के निर्देश पर नगर आयुक्त ने फाइल जब्त कर ली है। मंगलवार को इसका परीक्षण किया जाएगा। माना जा रहा है निगम कर्मियों की लापरवाही से लाखों का गोलमाल किया गया है।