बलिया। उत्तर प्रदेश में बलिया जिले के नरही क्षेत्र में गो-तस्करी के मामले में बीजेपी कार्यकर्ता पर मुकदमा दर्ज किये जाने से भड़के पार्टी विधायक के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में एक कार्यकर्ता की मौत हो गयी। इस मामले में अपर जिलाधिकारी और 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। तो वहीं घटना को गंभीरता से लेते हुए वहां के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को कर्तव्य पालन में कोताही के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है।पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा ने बताया कि नरही थाना क्षेत्र में पुलिस ने कल वाहनों की तलाशी के दौरान गोकशी के लिये ले जायी जा रही पांच गायें बरामद करके बीजेपी कार्यकर्ता चन्द्रमा यादव समेत दो लोगों के खिलाफ गो-तस्करी का मुकदमा दर्ज किया था। उन्होंने बताया कि यादव गो-तस्करी को लेकर कुख्यात है और उस पर साल 2014 में मउ जिले में भी गो-तस्करी का मुकदमा दर्ज किया गया था।
झा ने बताया कि चन्द्रमा यादव पर मुकदमे के विरोध में कल बीजेपी विधायक उपेंद्र तिवारी अपने समर्थकों तथा पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ नरही थाने के सामने धरने पर बैठ गए थे। पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों ने धरनारत बीजेपी विधायक से कई दौर में वार्ता की और उनसे मनुहार कर थाने के सामने चल रहे धरने को समाप्त करने का अनुरोध किया लेकिन बीजेपी विधायक नहीं माने। इसके बाद कल रात्रि 10 बजे पुलिस ने धरनारत बीजेपी समर्थकों को हटाने का प्रयास किया तो वे हिंसा पर उतारू हो गए और उन्होंने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया.झा ने बताया कि स्थिति विस्फोटक होने पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। आंसू गैस के गोले छोड़े और रबर की गोलियां चलायीं। इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ता विनोद राय की मौत हो गयी.इस मामले में राय के भतीजे गोपाल की तहरीर पर अपर जिलाधिकारी बच्चे लाल मौर्य तथा दारोगा राजेश यादव और 10 अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। यह घटना ऐसे वक्त हुई है, जब बीजेपी और उसके सहयोगी संगठन गोरक्षा के मुद्दे को लेकर खासे सक्रिय हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गोरक्षकों को लेकर हाल में दिये गये बयान का केस सरगर्म है। बीजेपी के जिलाध्यक्ष विनोद दुबे का आरोप है कि पुलिस की गोली लगने से बीजेपी कार्यकर्ता विनोद राय की मौत हुई है तथा 50 से अधिक अन्य लोग घायल हुए हैं। पुलिस अधीक्षक का कहना है कि बीजेपी कार्यकर्ता की मौत पुलिस की गोली से नहीं हुई है क्योंकि पुलिस ने गोली चलायी ही नहीं. उसकी मौत कैसे हुई यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही स्पष्ट हो पायेगा.झा ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में नरही थाना में बीजेपी विधायक उपेन्द्र तिवारी सहित 35 नामजद और 300 अज्ञात लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, बलवा करने, सरकारी काम में बाधा डालने तथा दूसरों की जान जोखिम में डालने के आरोपों में मुकदमा दर्ज करके छह लोगों को गिरफ्तार किया है.पुलिस लाठीचार्ज में गम्भीर रूप से घायल विधायक पुलिस अधीक्षक ने बताया कि विधायक उपेन्द्र तिवारी फरार हैं। वहीं, बीजेपी जिलाध्यक्ष दुबे ने बताया कि विधायक पुलिस लाठीचार्ज में गम्भीर रूप से घायल हो गये हैं तथा अस्पताल में उपचार करा रहे हैं.इस बीच इस घटना के मददेनजर जिले में सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है. जिले की पुलिस के साथ ही बाहर से चार कंपनी पीएसी, 500 कांस्टेबल, एक अपर पुलिस अधीक्षक और छह पुलिस उपाधीक्षकों को तैनात किया गया है.आजमगढ़ के पुलिस उपमहानिरीक्षक धर्मवीर यादव कल रात को ही यहां आ गये. उन्होंने बताया कि इस मामले की मजिस्ट्रियल जांच होगी और पुलिस की गलती सामने आई तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.इस बीच, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कल देर रात्रि पार्टी जिलाध्यक्ष दुबे से फोन पर बातचीत कर उनसे मामले की जानकारी ली.दुबे ने बताया कि प्रदेश नेतृत्व ने पुलिसिया जुल्म के खिलाफ पूर्ण सहयोग का भरोसा दिया है. उन्होंने बताया कि बीजेपी इस मामले में आर पार की लड़ाई लड़ेगी।