मेरठ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मेरठ में विजय शंखनाद रैली को संबोधित करते हुए अपने 60 मिनट के भाषण में हर चुनावी पहलू को छूने की कोशिश की।
मोदी ने कहा, ‘जबतक मैं हूं चैन से नहीं बैठूंगा और लुटेरों को भी चैन से नहीं बैठने दूंगा। जो लूटा है, वह बाहर आना चाहिए। बेईमानी का पैसा गरीबों की भलाई में लगना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि कर्नाटक में एक मंत्री के घर से 150 करोड़ रुपये मिले लेकिन वह आज भी मंत्री पद पर बरकरार हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘चाहे कितने भी गठबंधन भी बन जाएं, मोदी किसी से डरने वाला नहीं है।’ उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने टिकट बेचकर नोट जमा किए लेकिन नोटबंदी से उनके नोटों के बंडल बरबाद हो गए।
उन्होंने कहा कि यूपी को केंद्र से मिले पैसों में भी वोटबैंक की राजनीति की गई। केंद्र से मिले पैसों को यूपी सरकार खर्च ही नहीं कर रही है। यहां हर चीज वोट बैंक के तराजू से तौला जा रहा है। ये विकास में रुकावट बने हुए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि यूपी में कानून व्यवस्था पूरी तरह खराब है। यहां पर गुंडागर्दी राजनीतिक आश्रय से पली है। यहां से गुंडागर्दी समाप्त करना है। यहां पर लोगों को सुरक्षा नहीं है, घर से निकलने के बाद वापसी पर संशय रहता है। ऐसी सरकार को हटाना है।
पीएम ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले तक कांग्रेस को राज्य सरकार से बड़ी दिक्कतें थीं लेकिन अब सब बदल गया है। उन्होंने कहा कि राजनीति में गठबंधन बहुत देखे हैं लेकिन जब पिछले कुछ दशकों से जो दल एक-दूसरे को कोसने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे, अब वे एक-दूसरे के गले लग गए हैं।
उन्होंने कहा कि जो खुद को बचा नहीं सकते, वे उत्तर प्रदेश को क्या बचाएंगे। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि जब देश ने ही नकार दिया है, तब यूपी में कैसे बचेंगे। इनका यूपी के भाग्य से कोई लेना-देना नही है।
सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने वालों को पीएम मोदी ने जवाब देते हुए कहा, ‘दुर्भाग्य देखिए कि कुछ लोग सेना पर भी सवाल करने लग गए। कुछ लोगों को तो इस बात का दुख था कि सर्जिकल स्ट्राइक हुई लेकिन ऐसा क्या कारण है कि हिंदुस्तान का एक भी जवान मरा ही नहीं। ऐसे लोगों को देश की राजनीति करने का हक है क्या? ये लोग राजनीति को इतने नीचे ले गए।
मोदी ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार ऐसी सरकार आई है जो फौजियों के लिए जीना मरना चाहती है। उन्होंने कहा कि आज सर्जिकल स्ट्राइक का पूरी दुनिया के देश अध्ययन कर रहे हैं।