पटना। बिहार के कटिहार में डेड बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भागलपुर भेजने और पॉलिथिन में बॉडी को पैदल ले जाने मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जांच का आदेश दिया है। उन्होंने अधिकारियों पर नाराजगी जतायी तथा स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आर के महाजन को भी फटकारा ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार जब पोस्टमार्टम होना तय हो गया तो यह सरकार की जिम्मेवारी है। इसके लिए गाइड लाइन होना चाहिए। मीडिया में चलने के बाद भागलपुर जाने के लिए गाड़ी दी गयीl नीतीश ने कहा कि इन सब चीजों से मन दुखी हो जाता है। उन्होंने कहा कि मैंने इस संबंध में चर्चा की है। सिविल सर्जन, पुलिस अधीक्षक या फिर थानेदार जिसकी भी ड्यूटी हो पहले से इंतजाम किया जाना चाहिए । सीएम ने कटिहार के सिविल सर्जन की काबिलयत पर भी सवाल उठाये।
विदित हो कि कटिहार में भी एक परिवार को प्लास्टिक में लपेट कर बेटे के शव को हाथों से उठाकर ले जाना पड़ा। स्थानीय थाना ने 25 सितंबर को पोस्टमार्टम के लिए शव को कटिहार सदर अस्पताल भेजा लेकिन अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की वजह से 24 घंटा बीत जाने के बाद भी शव का पोस्टमार्टम नहीं किया गया और अंत में पोस्टमार्टम के लिए उसे भागलपुर भेजा गया। अस्पताल प्रबंधन ने संवेदनहीनता की सारी हदें पार करते हुए शव को ले जाने के लिए शव वाहन तक भी उपलब्ध नहीं कराया। हद तो तब हो गई जब इस गरीब परिवार को पोस्टमार्टम के लिए खुद से प्लास्टिक के बोरे में बंधे शव को हाथों से टांग कर ले जाना पड़ा।