लखनऊ। शहरी गरीबों को किफायती दरों पर आवास उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रारम्भ की गयी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने में उत्तर प्रदेश फिसड्डी हो गया है। केंद्र के बार-बार कहने के बावजूद राज्य की सपा सरकार अभी तक इस सम्बंध में अपना प्रस्ताव तक नहीं भेज सकी है। जानकारी मिलने पर राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस योजना हेतु केंद्र सरकार को तत्काल प्रस्ताव भेजने को कहा है। शुक्रवार को लिखे पत्र में राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से कहा है कि इस योजना के अन्तर्गत सूबे के शहरी गरीब लोगों को सस्ती दरों पर आवास उपलब्ध कराने हेतु एक समेकित प्रस्ताव राज्य सरकार के नगर विकास विभाग द्वारा केन्द्र सरकार को जल्द भेजा जाये।
राजभवन से मिली जानकारी के अनुसार पत्र में राम नाईक ने लिखा है, ‘‘राज्यपाल होने के नाते मैं केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के मध्य सेतु की भूमिका का निर्वहन करता हूँ।‘‘ दरअसल 30 अगस्त को दिल्ली प्रवास के दौरान राज्यपाल की केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू से प्रदेश के विकास के संबंध में चर्चा हुई थी। उस समय श्री नायडू ने राज्यपाल राम नाईक को बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा शहरी गरीबों को किफायती दरों पर आवास उपलब्ध कराने हेतु ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ का शुभारम्भ पिछले साल 25 जून को हुआ था और इस योजना के अन्तर्गत सात वर्षों में अर्थात् वर्ष 2022 तक दो करोड़ लोगों को आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।
वार्ता के दौरान वेंकैया नायडू ने राज्यपाल को बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के अन्तर्गत कोई प्रस्ताव केन्द्र को नहीं भेजा गया है जबकि उन्होंने स्वयं और मंत्रालय के सचिव द्वारा इस संबंध में राज्य सरकार से पत्र व्यवहार किया जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना हेतु 21 राज्यों ने केन्द्र सरकार को अपने प्रस्ताव भेज दिये हैं। इसके बाद राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। पत्र में राज्यपाल ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा है कि प्रदेश के विकास के दृष्टिगत मुख्यमंत्री प्राथमिकता के आधार पर ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के अन्तर्गत केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजने पर शीघ्र निर्णय लेंगे।