नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने और कश्मीर घाटी की स्थिति पर चर्चा करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि वह (मोदी) स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं और उन्होंने वहां जारी ‘रक्तपात’ रोकने के लिए कदम उठाने के लिए कहा है ताकि राज्य मौजूदा संकट से बाहर आए।महबूबा ने मोदी के साथ चली एक घंटे की बैठक के बाद कहा, ‘प्रधानमंत्री हम सभी की तरह जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं। यह हर किसी के लिए चिंता का विषय है। प्रधानमंत्री चाहते हैं कि यह रक्तपात रुके ताकि राज्य मौजूदा संकट से बाहर आए।’ आठ जुलाई को घाटी में शुरू हुई हिंसा के बाद से मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री के साथ यह पहली मुलाकात थी। महबूबा ने पाकिस्तान पर सीधा हमला करते हुए कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री ने नवाज शरीफ को अपने शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित करने की साहसिक पहल की और बाद में लाहौर गए। लेकिन बदकिस्मती से इसके बाद पठानकोट में आतंकी हमला हुआ।’उन्होंने कहा, ‘बाद में जब स्थिति खराब थी और पाकिस्तान कश्मीर में जारी संकट को हवा दे रहा था तब हमारे गृह मंत्री राजनाथ सिंह लाहौर गए, लेकिन एक बार फिर बदकिस्मती से पाकिस्तान ने वह स्वर्णिम अवसर हाथ से जाने दिया और वह शिष्टाचार नहीं दिखाया जो एक मेहमान के प्रति दिखाया जाता है।’ महबूबा ने पीडीपी-भाजपा गठबंधन के वाजपेयी की कश्मीर नीति पर आधारित होने और उसे आगे बढ़ाने की बात कहते हुए याद किया कि उनके पिता एवं पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा था कि कश्मीर मुद्दे का हल हो सकता है, इसका हल केवल वह प्रधानमंत्री कर सकते हैं जिनके पास दो तिहाई बहुमत हो।उन्होंने कहा, ‘अगर उनके (मोदी) कार्यकाल में ऐसा नहीं हुआ तो फिर यह कभी नहीं होगा। मेरा मानना है कि वहां (पाकिस्तान) जाने का साहसी कदम उठाने वाले मोदीजी आज फिर कहेंगे कि हमें अपने खुद के लोगों से बात करनी चाहिए क्योंकि लोग मारे जा रहे हैं।’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मुझे यकीन है कि प्रधानमंत्री संप्रग के उलट कश्मीर मुद्दे का एक स्थायी हल तलाशना नहीं भूलेंगे।’