बेहद तल्ख टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा -बच्चे फुटबॉल नहीं, जिन्हें यहां से वहां फेंका जाए। गरीब बच्चों के दाखिले के एक साल बाद सीएमएस ने उनको उनके घर के नजदीक के स्कूल में शिफ्ट करने के लिए सुप्रीम कोर्ट याचिका दाखिल की थी।
न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति आरके अग्रवाल की पीठ के समक्ष शुक्रवार को सिटी मांटेसरी स्कूल की ओर से कहा गया कि उसने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 13 बच्चों को अपने स्कूल में दाखिला दे दिया है। साथ ही यह दलील दी कि केवल उनके स्कूल में ही आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को दाखिला दिलाया गया है।
इन बच्चों के घर के पास भी स्कूल हैं, इसलिए उन्हें वहां शिफ्ट कर दिया जाए। स्कूल की इस दलील पर पीठ ने सख्त नाराजगी जताई।
पीठ ने इस संबंध में स्कूल और प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है। हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वकील ने भी कहा कि बच्चों को दूसरे स्कूलों में नहीं शिफ्ट किया जाना चाहिए।
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal