कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान की आज सदन में उस समय तबीयत बिगड़ गयी जब मार्शल उन्हें बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे और सदन में हंगामा और शोर शराबे के दौरान कांग्रेस विधायकों और सुरक्षाकर्मियों में झड़प हो गयी।
विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने सदन में लगातार प्रदर्शन और शोर शराबा करने के लिए मन्नान को निलंबित कर दिया था। मन्नान पश्चिम बंगाल लोक व्यवस्था अनुरक्षण (संशोधन)विधेयक, 2017 का विरोध कर रहे थे।
उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के निर्देशों को न मानते हुए इसे काला कानून बताया। अध्यक्ष ने मन्नान से इस पर बहस के लिए इंतजार करने को कहा था।
चंपदानी से कांग्रेस विधायक मन्नान से अध्यक्ष ने दिन भर के लिए सदन से बाहर चले जाने को कहा लेकिन उन्होंने बात नहीं मानी। इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया।
जैसे ही अध्यक्ष ने उन्हें सदन से निलंबित किया, मन्नान अध्यक्ष के आसन के सामने बैठ गए इस पर मार्शलों ने उन्हें जबरन सदन से बाहर निकालने की कोशिश की। इसके बाद कांग्रेसी विधायकांे और सुरक्षाकर्मियों में झड़प शुरू हो गई।
इस धक्कामुक्की में कांग्रेस नेता बीमार पड़ गए और उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल लेकर जाना पड़ा। इस घटना के विरोध में कांग्रेस औरवामपंथी विधायकों ने सदन से बर्हिगमन किया।इस बीच कांग्रेस विधायक प्रतिमा रजक ने दावा किया कि सुरक्षा कर्मियों ने उनके साथ बदसलूकी की।
बरवान से विधायक रजक ने पत्रकारों से कहा, सुरक्षाकर्मियों ने मेरी साड़ी पकड़ कर खींचा और मुझे लात मारने की कोशिश की।बाद में हालांकि पश्चिम बंगाल लोक व्यवस्था अनुरक्षण :संशोधन: विधेयक 2017 सदन में पारित हो गया।
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