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बचत खाते के अलावा इन विकल्पों में भी निवेश कर कमा सकते हैं मोटा मुनाफा

बचत खाते के अलावा इन विकल्पों में भी निवेश कर कमा सकते हैं मोटा मुनाफा

अधिकांश लोग निवेश के लिहाज से अपना पैसा बचत खाते में रखना अपेक्षाकृत ज्यादा सुरक्षित मानते हैं। लेकिन अगर महंगाई को ध्यान में रखें तो इस पर मिलने वाला ब्याज काफी कम होता है। मौजूदा समय में कई बैंक बचत खाते पर चार फीसद या इससे भी कम का ब्याज देते हैं। ऐसे में आपके लिए ज्यादा रिटर्न वाले निवेश के विकल्पों के बारे में जानना ज्यादा जरूरी हो जाता है।बचत खाते के अलावा इन विकल्पों में भी निवेश कर कमा सकते हैं मोटा मुनाफा

बैंक डिपॉजिट (एफडी)-

एफडी पर मिलने वाले निश्चित रिटर्न और सुरक्षा को देखते हुए निवेशकों के बीच यह लोकप्रिय विकल्प है। डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआइसीजीसी) के नियमों के तहत प्रत्येक बैंक के जमाकर्ता को एक लाख रुपये तक का बीमा मिलता है। जरूरत अनुसार, व्यक्ति ब्याज के लिए मासिक, तिमाही, छमाही, वार्षिक या क्यूम्यलटिव विकल्प का चयन कर सकता है। मिलने वाला ब्याज व्यक्ति की आय में जुड़ता है और इनकम स्लैब के हिसाब से टैक्स लगाया जाता है। मौजूदा समय में अधिकांश बैंक 6.5 फीसद से 7.5 फीसद के बीच ब्याज देते हैं। इसके लिए एक साल से लेकर 10 साल तक की निवेश अवधि होती है।

ऑटो स्वीप-

साधारण बचत खाते की रकम को बढ़ाने के लिए कई बैंक आटो स्वीप या टू इन वन एफडी की सुविधा देते हैं। इसके तहत अगर आपके खाते में एक सीमा से अधिक धन जमा हो जाता है, तो बैंक खुद ही इस रकम को एफडी में बदल देता है। इस तरह आप अपनी रकम पर बचत खाते की तुलना में काफी ज्यादा ब्याज हासिल कर सकते हैं। ऐसे खातों में फिक्स्ड डिपॉजिट का रिटर्न मिलता है और बचत खाते की तरह अपनी जरूरत के अनुसार पैसे निकालने की सुविधा भी रहती है। इस खाते से आप जब चाहें अपना पैसा निकाल भी सकते हैं। इस प्रणाली को रिवर्स ऑटो स्वीप कहते हैं। इसमें एफडी तोड़ दी जाती है और आपका पैसा फिर से सामान्य बचत खाते में पहुंचा दिया जाता है।

पोस्ट ऑफिस स्कीम-

छोटी बचत योजनाएं जैसे पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स (एनएससी), सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम, सुकन्या समृद्धि आदि फिक्स्ड इनकम इंवेस्टमेंट के चलते लोकप्रिय हैं। सरकार हर तिमाही के शुरुआत में इन योजनाओं पर ब्याज दर तय कर देती है। इन पर मिलने वाला रिटर्न बैंक डिपॉजिट की तुलना में ज्यादा होता है।

गोल्ड में निवेश-

गोल्ड पर मिलने वाला रिटर्न अस्थिर हो सकता है और फिर कई वर्षों तक स्थिर रह सकता है। निवेश के लिहाज से अगर कोई उपभोक्ता सोने के गहने खरीदता है तो उसे दोहरा नुकसान होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि गहने खरीदते समय ज्वैलर्स मेकिंग और वेस्टेज चार्जेस जोड़ देते हैं और जब इन्हीं गहनों को ग्राहक बाजार में वापस बेचने जाते हैं तब ज्वैलर्स मेंकिग चार्जेस और वेस्टेज को काटकर इसकी कीमत लगाते हैं। ऐसे में निवेश पर मिलने वाला रिटर्न कम हो जाता है। गोल्ड ETF के जरिए आप गोल्ड में ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं। ऑनलाइन गोल्ड खरीदने के लिए आपके पास एक डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है। इस माध्यम से कोई भी उपभोक्ता कम से कम 1 ग्राम सोना खरीद सकता है। इसे खरीदने में केवल ब्रोकर और डीमैट अकाउंट के चार्जेस लगते है। जब उपभोक्ता बेचना चाहें डीमैट की मदद से ही घर बैठे बेच सकते हैं।

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