मोदी सरकार की तरफ से आगामी 1 फरवरी को साल 2019 का अंतरिम बजटपेश किया जाएगा. इस बार चुनाव से पहले पेश होने वाले अंतरिम बजट से किसानों के साथ ही नौकरीपेशा और कारोबारी वर्ग को बड़ी उम्मीदें हैं. लेकिन इस बार सबसे ज्यादा उम्मीद नौकरीपेशा लोगों को है. बजट भाषण से पहले और बजट भाषण के दौरान पूरे समय सबकी सबके निगाहें नौकरीपेशा लोगों के लिए राहत पर होगी. इस बजट से सबसे ज्यादा उम्मीद नौकरीपेशा लोगों को है. नौकरी करने वालों को आयकर छूट सीमा बढ़कर 5 लाख रुपये होने की उम्मीद है. इसके अलावा बजट में कृषि क्षेत्र पर भी खास ध्यान रहेगा.
स्टैंडर्ड डिडक्शन को भी बढ़ाने का विकल्प
बजट विशेषज्ञों को भी उम्मीद है कि सरकार आयकर सीमा की मौजूदा छूट को बढ़ाकर सरकार 5 लाख रुपये तक कर सकती है. यह घोषणा हुई तो इसका सबसे ज्यादा फायदा नौकरी पेशा लोगों को होगा. इसके अलावा मेडिकल और कन्वेंस को भी फिर से लागू करने की उम्मीद की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक एक विकल्प ये भी है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40 हजारी रुपये सालाना से बढ़ाकर कुछ और कर दिया जाए.
फिलहाल क्या व्यवस्था?
वर्तमान में, 2.5 लाख रुपए की आय को टैक्स में छूट मिलती है, जबकि 2.5 लाख से 5 लाख रुपए के बीच की सालाना आय पर 5 फीसदी टैक्स लगता है, जबकि 5-10 लाख रुपए की सालाना आय पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपए से अधिक की सालाना आय पर 30 फीसदी टैक्स लगता है. जबकि 80 साल के अधिक की उम्र के नागरिकों को 5 लाख रुपए सालाना की आय पर टैक्स में छूट मिलती है.
80C के तहत छूट बढ़कर हो 3 लाख रु
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने व्यक्तिगत इनकम टैक्सपेयर्स को निवेश योजनाओं में के आधार पर धारा 80C के तहत मिलने वाली छूट को बढ़ा कर 3 लाख रुपए करने की भी सिफारिश की है. फिक्की का कहना है कि इससे व्यक्तिगत बचत को प्रोत्साहन मिलेगा.