वाराणसी में सीवेज प्लग तोड़ने के लिए जल निगम की ओर से पर्याप्त बचाव साधनों के बिना मैनहोल में मजदूर उतार दिए गए। जहरीली गैस से दोनों मजदूर अचेत हो गए और पानी के तेज बहाव में बह गए, जबकि एक मजदूर बाल बाल बच गया। मरने वाले एक मजदूर की उम्र 18 साल है। एनडीआरएफ की टीम देर शाम तक बचाव कार्य में जुटी रही। दोनों मजदूरों में से एक विकास का ही शव ढूंढ सकी।
हादसे में बाल बाल बचे बिहार के भगवानपुर निवासी मजदूर सत्येंद्र पासवान ने बताया कि वह अपने साथी दिनेश पासवान (27) और उसके भतीजे विकास (18) के साथ सीवर चैंबर में नीचे उतरकर प्लग तोड़ने का काम कर रहे थे। प्लग तोड़ने के बाद तीनों चैंबर से बाहर निकल आए। बाद में गंगा प्रदूषण नियंत्रण के लोगों ने फुलवरिया से सीवर लाइन में पानी छोड़ने के बाद मजदूरों को दोबारा नीचे उतरने और चेक करने के लिए कहा।
सीवर लाइन में विकास और दिनेश नीचे उतरे। मलजल आने से सीवर लाइन में मौजूद जहरीली गैस के कारण दोनों अचेत हो गए। बाहर खड़ा सत्येंद्र जब तक उन्हें बचाने का प्रयास करता तब तक दोनों तेज बहाव में बह गए।
मौके पर मौजूद प्रोजेक्ट मैनेजर पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि तीन मजदूरों को सीवर लाइन के नीचे प्लग तोड़ने के लिए उतारा गया था, लेकिन सीवर लाइन में जहरीली गैस होने की जानकारी नहीं थी। दोपहर बाद ढाई बजे हुई घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस संसाधनों के अभाव में बचाव कार्य नहीं शुरू कर पाई।
बाद में एनडीआरएफ की टीम पहुंची और उसने कड़ी मशक्कत के बाद विकास के शव को बाहर निकाला। दिनेश का अभी पता नहीं चल सका है। सीवर लाइन संकरी होने की वजह से बचाव कार्य में दिक्कत आ रही थी। एनडीआरएफ के जवान कई बार ड्रैगन लाइट के साथ नीचे उतरे जरूर पर लौट आए। दिनेश को निकालने का प्रयास चल रहा था।
पीएम करेंगे एसटीपी का उद्घाटन
12 नवंबर को काशी दौरे पर आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एसटीपी का उद्घाटन करने वाले हैं। इसी की तैयारी में लगे गंगा प्रदूषण के अधिकारी महीनों से रुके काम को जल्दी से जल्दी निपटाना चाहते थे। इसके लिए मजदूरों को सीवेज चैंबर में उतार दिया गया। प्रोजेक्ट मैनेजर पंकज श्रीवास्तव ने निजी मजदूरों को लेकर काम शुरू कर दिया। बता दें कि एसटीपी जिसमें 140 एमएलडी चौकाघाट, 7.5 एमएलडी फुलवरिया और 3.7 एमएलडी सरैया शामिल है।
सीवर लाइन तोड़ने पहुंची जेसीबी हुई बंद
जब दिनेश को चैंबर के रास्ते बचाने में दिक्कत पेश आई तो बीच में पाइप लाइन तोड़ने पर सहमति बनी। सीवर लाइन तोड़ने पहुंची जेसीबी बंद हो गई। इसके चलते एक बार फिर राहत बचाव कार्य प्रभावित रहा।
नहीं पहुंचे जिम्मेदार अधिकारी
चौकाघाट में दो मजदूरों के सीवर लाइन में बह जाने की घटना के बाद भी मौके पर न तो प्रशासनिक अधिकारी नजर आए और नही गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के लिए जिम्मेदार। जबकि मामला यह सीधे से पीएम से जुड़ा हुआ था। चेतगंज थाने की पुलिस और इकाई के जेई ही घटनास्थल पर नजर आ रहे थे।