वाराणसी। बनारस घराने के प्रसिद्ध तबला वादक और प्रसिद्ध अभिेनेता गोविन्दा के सगे मामा पं. लच्छू महाराज का बुधवार की देर रात निधन हो गया । गुरूवार को इसकी जानकारी मिलते ही संवेदना प्रकट करने के लिए लोग उनके दालमण्डी स्थित आवास पर पहुंचे। बता दें कि 75 वर्षीय लच्छू महाराज को उनके परिजनो ने तबीयत खराब होने के बाद महमूरगंज स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। देर रात दिल का दौरा पड़ने पर चिकित्सकों के प्रयास के बावजूद बच नही पाये। लच्छू महाराज का अन्तिम संस्कार फ्रांस में रहने वाली पत्नी और पुत्री के आने के बाद मणिकर्णिकाघाट पर शुक्रवार को होगा। समाचार लिखे जाने तक शव अस्पताल में ही रखा गया था।
गौरतलब हो कि लच्छू महाराज ने अपने पिता वासुदेव नारायण सिंह से ही तबला वादन की शिक्षा ली थी। लच्छू महाराज ने टीना नामक फ्रांसीसी महिला से शादी की थी। लच्छू महाराज ने तबला वादन पांचवीं वर्ष से शुरू कर दिया था। तबला वादन के प्रति समर्पण भाव के चलते 1962 में उन्हें दिल्ली में ऑल इंडिया रेडियो में प्रस्तुति का मौका मिल गया। इसके बाद से प. लच्छू महाराज ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उंगलियों के जादू को देखते हुए उन्हें वर्ल्ड तबला सम्राट की उपाधि मिली। गुरूपुर्णिमा पर्व पर गंडा बंधन के साथ ही संगीत साधना के लिए पं. लच्छू महाराज के दालमंडी स्थित आवास पर शिष्यो का जमावड़ा होता था। लच्छू महाराज के निधन पर तबला सम्राट पद्मविभूषण पं.किशन महाराज के पुत्र जाने माने तबला वादक पूरण महाराज,नर्तक माहन कृष्ण,कलाकाको के संरक्षक कला प्रेमी गंगा सहाय पाण्डेय विख्यात ठुमरी गायिका गिरिजा देवी ने गहरा शोक जताया है। शहर में कई बड़े संगीत कार्यक्रम के आयोजक कला प्रेमी गंगा सहाय पाण्डेय ने कहा कि लच्छू महाराज अपने भान्जे प्रसिद्ध अभिेनेता गोविन्दा के तमाम प्रयास के बावजूद मुम्बई नही गये। उनका मन बनारस में ही लगता था। उनके निधन से संगीत जगत में शून्यता की स्थिति हो गयी है।