केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने संकेत दिया है कि वे मिशन-2019 के लिए एक बार फिर क्रिया योग के जरिए महावतार बाबा से विजयी होने का आशीर्वाद लेने आई हैं। वहीं, इस दौरान उन्होंने हिमालयी राज्य में बढ़ते जल संकट पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए केंद्र सरकार ने रोडमैप तैयार कर लिया है। विभिन्न कार्यक्रम शुरू किए हैं। मुख्यमंत्री को विशेष निर्देश दिए हैं, जिससे राज्य में जल संरक्षण से संबंधित कार्यों का क्रियान्वयन किया जा सके।
केंद्रीय मंत्री उमा भारती हरिद्वार, रामनगर, रानीखेत होते हुए गुरुवार देर रात द्वाराहाट के दुधोली स्थित विश्राम गृह पहुंची। उमा रात को करीब 11 बजे ही आदिशक्ति दूनागिरि के दर्शन को पहुंच गर्इं। उन्होंने मंदिर के गर्भ गृह में एकांत में ध्यान लगाया। उसके बाद कुकुछिना (कौरवछीना) में गिरीश जोशी के आवास पर भोजन ग्रहण करने के बाद वापस दुधोली अतिथ गृह में रात्रि विश्राम किया।
इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री ने संक्षिप्त बातचीत में कहा कि राम मंदिर का मसला भारत वर्ष से जुड़ा है। फिलहाल, न्यायालय में भी यह मामला चल रहा है। हम चाहते हैं कि इसके निर्माण से पूर्व सभी राजनीतिक दलों को साथ लाया जाए। सबकी सहमति लेने के बाद ही इस पर कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा।
वहीं, उमा भारती ने शुक्रवार को फिर से दूनागिरि मंदिर पहुंचकर दर्शन किए। उसके बाद पांडवखोली गुफा में ध्यान लगाने के लिए रवाना हो गईं। सूत्रों के अनुसार उमा पांडवखोली की चोटी पर स्थापित मंदिर भी जाएंगी। इस अलौकिक सौंदर्य आध्यात्मिक ऊर्जा वाले क्षेत्र में उनका प्रवास कितना होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है। गौरतलब है कि पिछले साल यहां आई उमा ने तीन दिन ध्यान लगाया।
उमा भारती का ये प्रवास व्यक्तिगत है। इस दौरान वह किसी से मिल नहीं रही। मीडिया से भी दूरी रखी गई है। अलबत्ता केंद्रीय मंत्री की सुरक्षा व्यवस्था के लिए तहसील व पुलिस प्रशासन मौजूद है।
गौरतलब है कि केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में जीत का आशीर्वाद लेने आध्यात्मिक केंद्र पांडवखोली (द्वाराहाट) में ध्यान लगाने के पहुंची थी। उन्होंने महाअवतार बाबा का आशीर्वाद भी लिया था।