बिना वेतन किसी भी कर्मचारी से काम लेना किसी भी सभ्य समाज की भावना के विरुद्ध है। हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी सात अध्यापकों को पांच माह से वेतन न दिए जाने के मामले की सुनवाई करते हुए की। मामला लोनी रोड स्थित सिद्धार्थ इंटरनेशनल स्कूल से जुड़ा है। पीड़ित अध्यापकों को अप्रैल 2018 से वेतन नहीं मिला है।
जस्टिस सी. हरि शंकर ने पूरे मामले पर नाराजगी जाहिर करते हुए सिद्धार्थ इंटरनेशनल स्कूल को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई एक अक्तूबर को तय की गई है। इन अध्यापकों ने अधिवक्ता अशोक अग्रवाल के जरिये याचिका दायर कर वेतन दिलाने की गुहार लगाई है।
याचिका में कहा गया कि छठे व सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों की बात छोड़िए यह स्कूल अपने 60 कर्मचारियों को पांच माह से वेतन ही नहीं दे रहा है। इन कर्मचारियों में 45 अध्यापक व 15 अन्य कर्मचारी हैं। स्कूल में करीब एक हजार छात्र पढ़ते हैं। इन छात्रों से यह स्कूल पांच से आठ हजार रुपये प्रति माह फीस लेता है। इसके बाद भी कर्मचारियों को पिछले पांच माह से वेतन नहीं दिया गया है।