लखनऊ । लखनऊ विश्वविद्यालय में बीते माह समाप्त हुए परास्नातक कोर्स एडमिशन में फर्जी अंकपत्र के आधार पर प्रवेश होने संदेह पर 11 छात्रों के प्रवेश को प्रोविजनल घोषित कर दिया है। इन सभी छात्रों ने जिस विवि के अंकपत्र लगाये हैंै, वहां से अभी तक जांच नहीं हो सका है। एक बार अंकपत्र का वेरीफिकेशन होने के बाद ही इनके प्रवेश माना जायेगा। यह अंकपत्र मेघालय के पीएमके यूनिवर्सिटी के है। जहां से कई बार जांच रिपोर्ट मांगने के बाद भी अब तक लविवि को रिपोर्ट नहीं भेजी गई है।
कई कोर्सेस में हुए प्रवेश
इस यूनिवर्सिटी की अंकपत्र के आधार पर लविवि में एलएलबी, केमेस्ट्री, इकोनॉमिक्स सहित विभिन्न विषयों के पीजी कोर्स में प्रवेश लिए गए थे।
सभी प्रवेश विभागध्यक्ष के स्तर पर हुए थे। ऐसे में प्रवेश के बाद जब विवि ने सम्बन्धित विवि से अंकपत्र के वेरीफिकेशन के लिए ऑनलाइन कोशिश की गई, तो पता चला कि इस यूनिवर्सिटी से केवल रजिस्ट्रार के माध्यम से ही वेरीफिकेशन कराया जा सकता है।
जिसके बाद एडमिशन कमेटी में इस यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और कुलपति को कई बार ईमेल व पत्र के माध्यम से सम्पर्क किया। पर कोई उत्तर नहीं दिया गया। ऐसे में विवि ने इन छात्रों के अंकपत्र फर्जी होने के संदेह पर इनका प्रवेश निश्चित नहीं किया।
वहीं दूसरी ओर इन 11 छात्रों में से चार छात्र विभिन्न कारणों से प्रवेश लेने के बाद छोड़ दिया है। अब केवल सात छात्र ही बचे है। इन सभी छात्रों को ईमेल व एसएमएस के माध्यम से इसकी जानकारी दे दी गई है। साथ ही कहा गया है कि वह खुद अपने विवि से अंकपत्र का वेरीफिकेशन कराकर लविवि में जमा कराएं।
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