सोमवार की रात साढ़े दस बजे उत्तर भारत के दिल्ली, यूपी, उत्तराखंड और पंजाब में भूकंप के तगड़े झटके महसूस किये गए. राहत की बात ये है कि भूकंप से जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है. रिएक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.8 मापी गई. इस भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में जमीन से 33 किलोमीटर नीचे था.
भूकंप का खतरा अभी टला नहीं
विशेषज्ञों के मुताबिक भूकंप का खतरा अभी टला नहीं है. हिमालय क्षेत्र में विशेषज्ञों ने दिल्ली समेत पूरे हिमालय क्षेत्र में रिक्टर स्केल पर 8 तक की तीव्रता वाले भूकंप की आशंका जताई है.
राजनाथ सिंह ने भूकंप पर रिपोर्ट मांगी
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बीती रात आए भूकंप पर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. साथ ही, राष्ट्रीय एनडीआरएफ को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है. सिंह ने एक ट्वीट में कहा कि गृह मंत्रालय भूकंप प्रभावित उत्तराखंड और उत्तर भारत के अन्य राज्यों में हालात का करीबी निगरानी कर रहा है, जहां भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं.
एनडीआरएफ की टीम को हाई अलर्ट जारी
इस भूकंप के बाद एनडीआरएफ के लिए हाई अलर्ट जारी किया गया है. गृहमंत्री ने कहा, ‘‘राहत एवं बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ की टीमें गाजियाबाद से उत्तराखंड भेजी गई हैं.’’
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि गृह मंत्री ने एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और एनडीआरएफ को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
एनडीआरएफ के महानिदेशक आर के. पचनंदा ने बताया कि करीब 90 सदस्यों वाली एनडीआरएफ की दो टीमें गाजियाबाद स्थित अपने ठिकाने से रूद्रप्रयाग भेजी गई हैं. उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार से मिली शुरूआती खबरों से किसी तरह के नुकसान के संकेत नहीं मिले हैं लेकिन आकस्मिक कदम के तहत राहत एवं बचाव टीमें लामबंद की गई हैं. उन्होंने बताया कि एक और टीम तैयार रखी गई है और उसकी रवानगी हालात पर निर्भर है.
इस भूपंक के झटकों से लोग पूरी तरह से सहम गए और डर के मारे अपने घरों से बाहर निकल गए. इतना ही नहीं लंबे अंतराल के बाद आए भूकंप के ऐसे झटके के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर गृह मंत्रालय और उत्तर भारत की राज्य सरकारों से लेकर एनडीआरएफ भी सक्रिय हो उठे.
पीएमओ उत्तराखंड सरकार के संपर्क में हैं: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि पीएमओ उत्तराखंड सरकार के संपर्क में है और उत्तराखंड सरकार ने कहा कि सभी जिलों के डीएम को दिए निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा गृह मंत्री ने भूकंप की पूरी रिपोर्ट मांगी है. आपको बता दें कि हिमालयी क्षेत्र में आने वाले उत्तराखंड में हमेशा भूकंप का खतरा बना रहता है. भूकंप के बाद आने वाले झटकों की भी आशंका लोगों में घर कर रही है.