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बुलंदशहर से परिसीमन के अस्तित्व में आया गौतम बुद्ध नगर, जानें राजनीतिक इतिहास

 गौतम बुद्ध नगर का संसदीय क्षेत्र उत्तर प्रदेश राज्य के 80 लोकसभा क्षेत्रों में से एक है, जिसे 2008 के संसदीय क्षेत्रों के परिसीमन के कार्यान्वयन के बाद बनाया गया था. गौतम बुद्ध नगर बनने से पहले ये बुलंदशहर परिसीमन के तहत आता था. इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनके नाम हैं नोएडा, दादरी, जेवर, सिकंदराबाद और खुर्जा, जिसमें खुर्जा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस जिले का प्रशासनिक मुख्यालय ग्रेटर नोएडा शहर में स्थित है. गौतम बुद्ध नगर को नोएडा के नाम से पुकारा जाता है. जिले औद्योगिक कारखाने, टेक्निकल, इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट की नौकरी के लिए देशभर में जाना जाता है. 

क्या है राजनीतिक इतिहास

गौतम बुद्ध नगर सितंबर 1997 में गाजियाबाद और बुलन्दशहर के कुछ भागों को मिला कर के बनाया गया था. 2009 में पहली बार गौतम बुद्ध नगर में लोक सभा चुनाव हुए थे, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के महेश शर्मा को हराकर बहुजन समाज पार्टी के सुरेन्द्र सिंह नागर यहां के पहले सांसद बने थे, लेकिन अब वो समाजवादी पार्टी के सदस्य हैं. वो 2009 से 2014 तक नागर कृषि समिति के सदस्य भी रह चुके हैं, लेकिन साल 2014 में भारतीय जनता पार्टी के डॉ. महेश शर्मा ने समाजवादी पार्टी के नरेन्द्र भाटी को हरा कर इस सीट पर कब्जा किया था.

क्या है जातिगत समीकरण

गौतम बुद्ध नगर 1442 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है. गौतम बुद्ध नगर की 84 प्रतिशत आबादी हिंदू और 13 प्रतिशत जनसंख्या मुस्लिम है. साल 2014 के चुनाव में 1986109 वोटरों ने हिस्सा लिया था, जिसमें 55 प्रतिशत पुरुष और 44 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं.

2014 में ये था मत प्रतिशत

2014 लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के महेश शर्मा और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार नरेंद्र भाटी के बीच कड़ाके की टक्कर हुई. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में 11,99,262 लोगों ने अपने मत का प्रयोग किया, जिसमें 5,99,702 वोट बीजेपी के महेश शर्मा और समाजवादी पार्टी के नरेंद्र भाटी के पाले में 3,19,490 वोट पड़े. 

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