उसे अन्य तीन लोगों के साथ हाजीपुर से पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसने चोरी और डकैती के लिए 6 महीने पहले ही ये गैंग ज्वाइन कर लिया था। उसने पुलिस को बताया कि वह अपनी 12 साल की बेटी के स्कूल की फीस नहीं दे पा रहा था।
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह टीवी पर आने वाले धारावाहिक ‘अफसर बिटिया’ से प्रेरित था। जिसके बाद उसने अपनी बेटी को भी अफसर बनाने का फैसला किया। इसलिए उसने अपनी बेटी का दाखिला इंग्लिश मीडियम स्कूल में करवाया। जो कि जिले से 15 किमी की दूरी पर है। उसने पुलिस से कहा ‘सर, हम अपनी बेटी की पढ़ाई का खर्चा पूरा करने के लिए अपराध करने लगे।’ वैशाली के एसपी एमएस ढिल्लन ने बताया कि आरोपी का कहना है कि इससे पहले वह मुंबई में एक प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड का काम करता था और उसे महीने के 6 हजार रुपये मिलते थे। पकड़े गए सभी आरोपी पटना से हैं।
आरोपियों के खिलाफ पटना, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर और अन्य जिलों में डकैती के कई मामले दर्ज थे। सभी फरार चल रहे थे। खुफिया जानकारी मिलने पर पुलिस ने हाजीपुर में छापा मारा और सभी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को उनके पास से 20 लाख रुपये कीमत के जेवर और स्टोन मिले।
इसके अलावा उनके पास से दो फायरआर्म और स्पोर्ट्स यूटीलिटी वाहन भी मिले। एसपी ने आगे बताया कि जब उनकी जांच की गई तो उनके पास से दस लाख रुपये कैश, अमेरिकी डॉलर और यूरो भी मिले। पैसे और जेवर पुलिस ने बरामद कर लिए हैं। लेकिन विदेशी मुद्रा कितनी कीमत की है, इस बारे में अभी कुछ पता नहीं चल पाया है। सभी आरोपियों ने लूट के पैसों से 15-15 लाख कीमत की प्रॉपर्टी खरीद ली थी। इस प्रॉपर्टी को भी जब्त किया जाएगा।
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