बिहार में भाजपा और जेडीयू का गठबंधन बाहर से तो मजबूत दिखता है, लेकिन खुफियां सूत्रों की मानें तो अब उसकी जड़ें कमज़ोर होने लगी हैं. अभी कुछ दिन पहले ही भाजपा अध्यक्ष और बिहार के सीएम नितीश कुमार ने मुलाकात की थी, जिसमे आगामी विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर चर्चा हुई थी. मुलाकात के बाद लग रहा था, जैसे सब कुछ ठीक है, लेकिन हाल ही में जेडीयू की तरफ से आए एक बयान ने सारी हक़ीक़त बयान कर दी है.
जेडीयू की तरफ से जारी हुए बयान में कहा गया है कि भाजपा और लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद की मिलीभगत है. जेडीयू ने 2005 के एक मुद्दे का हवाला देते हुए ये बात कही. जेडीयू ने कहा कि 2005 के रेलवे होटल के बदले जमीन देने के घोटाले में रेलवे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में देर कि जा रही है. इससे साफ़ पता चलता है कि बीजेपी और राजद का आपसी सम्बन्ध क्या है.
जेडीयू ने कहा कि सीबीआई ने 16 अप्रैल को इस मामले में चार्जशीट दाखिल की है. तीनों आरोपी नेताओं की इस मामले में गिरफ्तारी हो सकती है.लेकिन आरोप पत्र दाखिल किये जाने में देर कि जा रही है, जिसका फायदा तीनों आरोपी नेताओं आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव को हो रहा है. नितीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने सवाल उठाया है कि भाजपा, लालू के खिलाफ कार्यवाही करने में देर क्यों कर रही है. इसके पीछे क्या राज़ है ?
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