लखनऊ। केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने अदृश्य मेट्रों और जातिवादी पक्षपात पर अखिलेश सरकार को कटघरे में खड़ा किया।
वाराणसी में केन्द्रीय मंत्री ने पांच चरणों के चुनाव में दो तिहाई बहुमत का दावा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण से भाजपा के पक्ष मे जो तुफान उठा था,वो अब सुनामी का रूप ले चुका है।
पहले कांग्रेस के जमाने मे जो योजनाएं दिल्ली से निकलती थी वो रायबरेली एवं अमेठी तक आकर रूक जाती थी। प्रधानमंत्री मोदी का पुर्वांचल के प्रति विशेष लगाव है और वो चाहते है कि पुर्वांचल का विकास जल्द से जल्द हो।
श्री सिन्हा ने कहा कि पिछले तीन बजट हमने प्रस्तुत किये जिसमे 36 हजार करोड़ की रेलवे की नई योजनाएं लायी गयी है। जिसमे रेलवे लाइन का दोहरीकरण, विद्युतीकरण इत्यादी कार्य किये जाएंगे। पिछले 40 वर्षो मे पुर्वी उत्तर प्रदेश मे रेलवे के लिए कोई धन खर्च नही किया गया। 318.7 करोड की रेलवे की योजनाएं वाराणसी मे चल रही है। अब पुरे देश में एक ही गेज पर काम चल रहा है नैरो एवं मीटर गेज को खत्म कर अब केवल ब्राड गेज का काम चल रहा है।
दिल्ली और हावडा के बीच बहुत ज्यादा कंजेक्शन है इसे खत्म करने के लिए बहुत तेजी से काम चल रहा है। वाराणसी मे गंगा नदी पर बना हुआ राजघाट का पुल अंग्रेजो के जमाने का बना हुआ है उसी के पास एक नया पुल बनाने की योजना है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि डीरेका (डीएलडब्लू) के क्षमता विस्तार का कार्य निर्धारित समय सीमा से पुर्व होने जा रहा है।
अब यहाँ डीजल एवं विद्युत दोनो से चलने वाले इंजन बनाने का कार्य शुरू होने वाला है। केंद्र मे मोदी जी की सरकार बनने के बाद रेलवे का काफी विस्तार हुआ है, हमारी सरकार बनने के बाद 11 नई गाड़ियां वाराणसी से होकर गुजरी रही है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सपा सरकार की नाकामी का इसी बात से पता चलता है कि मुलायम सरकार मे पास हुए पांच पुल क्रमशः मिर्जापुर, चुनार, लंका, बलुआ एवं जमनियाँ आज तक पुरे नहीं हो सके।
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