लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार लगातार परिवारवाद का विरोध करती आयी है तथा देश व प्रदेश की जनता से इस परिवारवाद के विरूद्ध मतदान करने को कहती रही है किन्तु उप्र में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों की सूची में स्पष्ट रूप से परिवारवाद पूरी तरह हावी दिखाई देता है।
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह बेटे पंकज सिंह, लालजी टंडन के बेटे गोपाल टंडन, राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के पौत्र व बहू को,सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह के पुत्र प्रतीक सिंह को गोन्डा , कलराज मिश्रा के बेटे,संजय सिंह की पत्नी गरिमा सिंह, स्वामी प्रसाद मौर्या के बेटे उत्कर्ष को उंचाहार, प्रेमलता कटियार की बेटी नीलिमा, सांसद सर्वेश के बेटे सुशांत सिंह को बढापुर से, शेर बहादुर के बेटे, विजय बहुगुणा की बहन रीता बहुगुगा , रामलाल राही के पुत्र सुरेश राही, श्रीदमती रंजना बाजपेयी के पुत्र हर्ष बाजपेयी तथा सांसद कौशल किशोर की पत्नी जयदेवी आदि अनेक लोगों को भारतीय जनता पार्टी ने केवल परिवारवाद के नाम पर टिकट दिये हैं। इससे भाजपा का चाल-चरित्र और चेहरा स्पष्ट हो जाता है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता डा. हिलाल अहमद ने आज जारी बयान में कहा कि भारतीय जनता पार्टी इसी प्रकार से अनेक विषयों पर देश और प्रदेश की जनता को धोखा देती आयी है। यहां यह भी प्रतीत होता है कि नरेन्द्र मोदी उत्तर प्रदेश के चुनाव में किसी प्रकार की कोई भी रूचि नहीं ले रहे हैं क्योंकि उन्हें मालूम है कि पिछले तीन वर्षों में जो भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार ने कार्य किये हैं उसके चलते उन्हें उ0प्र0 में जनता ने पूर्ण रूप से नकार दिया है इसी कारण भारतीय जनता पार्टी के प्रचार में भी श्री नरेन्द्र मोदी का चेहरा गायब है।
प्रवक्ता ने कहा कि उप्र के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-समाजवादी पार्टी गठबन्धन एकतरफा जीत हासिल करेगी क्योंकि प्रदेश की जनता यह भलीभांति जानती है कि प्रदेश में विकास एवं बेरोजगारों को रोजगार दिलाने का कार्य जैसे पहले कांग्रेस द्वारा किया गया था वैसे ही वह इस बार भी सत्ता में आने पर अवश्य करेगी।