लखनऊ। सूबे में भाजपा सरकार हैं और सीएम आदित्यनाथ योगी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर तमाम प्रयास कर रहे हैं। उधर, भाजपा से शिकोहाबाद के विधायक मुकेश वर्मा के खिलाफ उन्हीं की भांजी ने दुराचार का प्रयास करने का आरोप लगाया है।
मौजूदा सरकार के विधायक की हनक के चलते पीड़िता की सुनवाई कहीं नहीं हो रही। पुलिस भी विधायक के बचाव में आ गई। शनिवार को पीड़िता ने एसएसपी मंजिल सैनी से न्याय की गुहार लगाई है। एसएसपी पीड़िता से घंटों एकान्त में बैठकर पूछताछ करती रहीं।
शिकोहाबाद से मौजूदा विधायक मुकेश वर्मा पर उन्हीं की सगी भांजी ने रेप के प्रयास का आरोप लगाया है। पीड़िता के अनुसार विधायक मुकेश वर्मा ने उसे लखनऊ बुलाया और नौकरी लगवाने की बात कही। मामा के कहने पर वह राजधानी पहुंच गई। आरोपी विधायक ने उसको कार में बैठा लिया। कुर्सी की गर्मी में मस्त विधायक ये भूल बैठे की वह उनकी भांजी है।
पीड़िता का आरोप है कि कार में बैठते ही मुकेश ने उसके साथ अश्लील हरकर्ते शुरू कर दीं। जिसका उसने विरोध करते पीड़िता कार से उतरकर चली गई। दो दिन पहले विधायक मुकेश ने उसे फिर फोन कर बुलाया और अपने बहुखंडी स्थित आवास ले गया। पीड़िता का आरोप है कि मुकेश ने उसके साथ दुराचार करने का प्रयास किया।
किसी तरह पीड़िता अपनी अस्मत बचाकर विधायक के आवास से भाग निकली। पीड़िता आनन-फानन में हजरतगंज थाने आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंची, लेकिन मौजूदा सरकार के विधायक का मामला सुनते ही पुलिस के पैरों तले जमीन खिसक गई।
पुलिस पीड़िता को टरकाने लगी। काफी प्रयासों के बावजूद भी पीड़िता की सुनवाई नहीं हुई। इस पर पीड़िता कोतवाली से लौट आई और न्याय की गुहार लगाने एसएसपी के कैंप कार्यालय पहुंच गई। पीड़िता ने एसएसपी से न्याय की गुहार लगाई है। थाने पहुंचा विधायक और पीड़िता के पैर पड़ा विधायक पर लग रहे दुराचार के प्रयास की सूचना पुलिस कर्मियों ने उन तक पहुंचा दी थी। पीड़िता आरोपी मामा के खिलाफ कार्रवाई करवाने पर अड़ी थी।
जानकारी मिलते ही आरोपी विधायक मुकेश हजरतगंज कोतवाली पहुंच गए। इस दौरान पीड़िता कोतवाली में ही मौजूद थी। खुद को फंसता देख आरोपी विधायक पीड़िता को मनाने में जुट गए, उसे नौकरी दिलाने का प्रलोभन देने लगे। पीड़िता के न मानने पर आरोपी विधायक उसके पैर पकड़कर माफी मानने लगे।
शिकंजा कसता देख विधायक ने किया ड्रामा
अपनी अस्मत के साथ हुए खिलवाड़ा का बदला लेने के लिए पीड़िता अड़ी हुई थी। आरोपी विधायक द्वारा तमाम मन्नतों के बावजूद भी पीड़िता मानने को तैयार नहीं हो रही थी। तमाम पैतरे अपनाने के बाद खुद को शिकंजे में फंसते देख विधायक ने हजरतगंज कोतवाली में फंटूश ड्रामा शुरू कर दिया। आंखे चढ़ाकर बदहवास होकर अपनी तबियत बिगड़ने का ड्रामा शुरू कर दिया। पुलिस एहतियातन बलरामपुर अस्पताल आरोपी विधायक को लेकर चली गई।
तीन घंटे तक एसएसपी के सामने बैठी रही पीड़िता
इंसाफ न मिलते देख पीड़िता ने एसएसपी से न्याय की गुहार करना मुनासिब समझा। पीड़िता न्याय की गुहार लगाने एसएसपी के कैंप कार्यालय पहुंच गई। यहां भी उसकी सुनने वाला कोई नहीं था। मौजूदा सरकार के खिलाफ दुराचार के प्रयास की सूचना पर एसएसपी ने आनन-फानन में पीड़िता को अपने कमरे में बुला लिया। पीड़िता और एसएसपी करीब तीन घंटे तक एकान्त में बातचीत करतीं रहीं। घंटों पूछताछ के बावजूद भी एसएसपी किसी निर्णय तक नहीं पहुंचीं। हालांकि पीड़िता की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और मामले में पड़ताल की जा रही है।
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