तिरवल्ला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि कुछ लोग समाज को जाति और धर्म के आधार पर बांटने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन भारतीय सभ्यता हमेशा इस तरह की चुनौतियों से पार पा लेती है।
प्रधानमंत्री की टिप्पणी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सात दिवसीय ‘श्री रामकृष्ण वचनामृत सतराम’ के उद्घाटन के दौरान आई। मोदी ने कहा, ‘‘श्री रामकृष्ण की शिक्षा हमारे लिए आज भी प्रासंगिक है, जब हमारा सामना वैसे लोगों से होता है जो धर्म, जाति का इस्तेमाल समाज को बांटने और वैमनस्य पैदा करने के लिए करते हैं।”
मोदी ने कहा, ‘‘हमारी सभ्यता बडी है। वह बाधाओं को पार करती है और जब भी मानव सभ्यता के इतिहास ने ज्ञान के युग में प्रवेश किया है, यह भारत है जिसने हमेशा रास्ता दिखाया है।” मोदी ने कहा, ‘‘श्री रामकृष्ण ने मानसिक बाधाओं को तोडा जिसने हमें अलग रखा था। उन्होंने मुस्लिमों की जीवन शैली को जिया, उन्होंने ईसाइयों की जीवन शैली को अपनाया।
उन्होंने तंत्र का अभ्यास किया।” मोदी ने कहा, ‘‘सत्य एक और समान है—नाम और स्वरुप में सिर्फ अंतर है।” केरल का कायाकल्प करने में समाज सुधारक श्री नारायण गुर की भूमिका की सराहना करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘हमारे संतों ने ऐसे काम किए जो छोटे लग सकते हैं लेकिन उसका प्रभाव काफी बडा था और इसने हमारे इतिहास की धारा को बदल दिया।” उन्होंने कहा कि संतों ने समाज सुधार की तलाश में सभी नागरिकों को शामिल किया और उसके दायरे से किसी को भी बाहर नहीं रखा गया।