दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने गुरूवार को चेतावनी दी थी की कश्मीर में आंतकियों की मद्द करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उसके बाद अब जम्मू-कश्मीर सरकार नं निर्देश दिया गया है कि स्थानीय लोगों को मुठभेड़ वाली जगह से दूर रहने की सलाह दी जाए।
सरकार की योजना मुठभेड़ वाले इलाके में 3 किलोमीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू करने की है ताकि सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच होने वाली मुठभेड़ के दौरान स्थानीय लोगों के विरोध प्रदर्शन को रोका जा सके।
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच होने वाली मुठभेड़ के दौरान अक्सर स्थानीय लोग सेना और पुलिस के खिलाफ पत्थरबाजी और प्रदर्शन शुरू कर देते हैं, जिससे ऑपरेशन चलाने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
जम्मू-कश्मीर सरकार का फैसला सेना प्रमुख बिपिन रावत की चेतावनी के ठीक अगले दिन आया है। जिसमें उन्होंने आतंकियों से होने वाली मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों के रास्ते में आने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
रावत ने बुधवार को चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ सेना के ऑपरेशन्स में बाधा डालने वालों को आतंकवादियों का सहयोगी समझा जाएगा और उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। रावत का इशारा सेना पर पथराव करने वालों की तरफ था।
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