नई दिल्ली । भारत में पाकिस्तान के हाई कमिश्नर अब्दुल बासित ने स्वीकार किया है कि इस्लामाबाद की भारत नीति में पाकिस्तानी सेना की भूमिका अहम रहती है।
हमारे सहयोगी एक इंटरव्यू में बासित ने कहा कि यह उम्मीद नहीं की जानी चाहिए कि भारत को लेकर पाकिस्तान की नीति में सेना की भूमिका नहीं रहेगी। प्रधानमंत्री के रूप में शरीफ की कमजोर होती स्थिति पर बासित ने यह भी दावा किया कि वह पाकिस्तान में चुनी हुई सरकार के मुखिया हैं और उनकी स्थिति मजबूत है। बासित ने कहा कि बिना कोई शक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ सत्ता में ड्राइविंग सीट पर हैं।
बासित के मुताबिक शरीफ की लोकतांत्रिक सरकार ने सेना को आतंकी संगठनों के खिलाफ ऐक्शन लेने को कहा है। पाकिस्तान की भारत नीति में सेना की भूमिका स्वीकारते हुए बासित ने कहा, ‘यह मान लेना गलत होगा कि भारत संबंधित मामलों में पाकिस्तानी सेना का कोई रोल नहीं है।’ बासित के मुताबिक, यहां तक की भारत भी पाकिस्तान पर कोई नीति बनाते समय अपने सशस्त्र बलों से चर्चा करने के बाद ही कोई फैसला लेता है।
पाकिस्तान भारतीय सेना द्वारा पाक अधिकृत कश्मीर (पाक ) में की गई सर्जिकल स्ट्राइक को नकार क्यों रहा है? इसके जवाब में बासित ने कहा कि भारत एलओसी पार की गई फायरिंग को सर्जिकल स्ट्राइक कहना चाहे, तो कह सकता है। लेकिन सच यह है कि सर्जिकल स्ट्राइक जैसा वहां कुछ हुआ ही नहीं है।
अगर ऐसा कुछ होता, तो पाकिस्तान मजबूती से इसका कड़ा जवाब देता। अगर ऐसा कुछ होता, तो वहां कुछ नुकसान भी हुआ होता, हमें ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है। यह रूटीन क्रॉस बॉर्डर फायरिंग थी, जिसमें पाकिस्तानी सेना के दो जवान शहीद हुए थे।
उड़ी हमले की जिम्मेदारी लेने से पाकिस्तान क्यों बचता है, इस सवाल के जवाब में पाकिस्तानी हाई कमिश्नर ने मामले की अंतरराष्ट्रीय जांच कराने की सलाह दी। उन्होंने कहा हमारा यह ऑफर अभी भी बरकरार है। हम इस आरोप लगाने के खेल से बाहर निकलना चाहते हैं।
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