नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने आज पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर उन्हें उरी हमले में पाकिस्तान से आए आतंकवादियों के शामिल होने से जुड़े सबूत सौंपे। गत अठारह सितंबर को जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में सेना के शिविर पर आतंकवादी हमले के बाद विदेश सचिव एस जयशंकर ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त को दूसरी बार तलब किया है। इस हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे और इतने ही घायल हुए थे।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर कहा कि जयशंकर ने बासित को तलब कर उन्हें आतंकवादियों को भारत में घुसपैठ में मदद करने वाले पाकिस्तानियों से जुड़ा ब्यौरा सौंपा। पाकिस्तानी उच्चायुक्त को वहां के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के उस बयान के एक दिन बाद तलब किया गया है जिनमें उन्होंने यह अनर्गल आरोप लगाया था कि भारत ने पाकिस्तान की छवि खराब करने के लिए यह हमला खुद ही कराया था।
स्वरूप ने कहा कि विदेश सचिव ने बासित को बताया कि घुसपैठियों की मदद करने वाले दो गाइडों को स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया है और वे अब हिरासत में हैं। इनके नाम फैजल हुसैन अवान (20), पुत्र गुल अकबर, निवासी पोठा जहांगीर मुजफ्फराबाद और यासिन खुर्शीद (19) पुत्र मोहम्मद खुर्शीद, निवासी खिलियाना कलां मुजफ्फराबाद है।जयशंकर ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त को इन आतंकवादियों को हुक्म देने वाले आकाओं के बारे में भी जानकारी दी जिनके नाम मोहम्मद कबीर अवान और बशारत हैं। आरंभिक पूछताछ में मारे गए आतंकवादियों में से एक की पहचान हाफिज अहमद, पुत्र फिरोज निवासी धारबंग मुजफ्फराबाद के रूप में हुई है। जयशंकर ने बासित को स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की ओर से भारत में लगातार हो रहे आतंकवादी हमले बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।
विदेश सचिव ने उरी हमले के तीन बाद 21 सितंबर को भी बासित को तलब कर भारत की कड़ी आपत्ति जताई थी। उस समय भी जयशंकर ने उन्हें हमले के बाद बरामद की गई वस्तुओं के बारे में जानकारी दी थी जिनमें पाकिस्तान में बनी चीजें भी शामिल थी। विदेश सचिव ने यह भी कहा था कि यदि पाकिस्तान सीमा पार से होने वाले इन हमलों की जांच करना चाहता है तो भारत उसे मारे गए आतंकवादियों की उंगलियों के निशान और डीएनए के नमूने उपलब्ध करा सकता है।
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