बालासोर। भारत को रक्षा के क्षेत्र में शनिवार को एक और सफलता हासिल हुई। भारत ने ओडिशा के तट पर स्थित अब्दुल कलाम द्वीप के लॉन्च पैड नंबर चार से PDV (पृथ्वी डिफेंस व्हीकल) बैलेस्टिक इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण किया।
इंटरसेप्शन टैक्नोलॉजी वाली इस मिसाइल ने ट्रायल के दौरान जमीन से 97 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित लक्ष्य को भेदने सफलता हासिल की। इस मिसाइल को सुबह 7:45 मिनट पर टेस्ट किया गया है।
इस मिसाइल को डिफेंस रिचर्स एंड डिजाइन ऑर्गनाइजेशन यानी डीआरडीओ की ओर से डेवलप किया गया है। यह मिसाइल ‘हिट टू किल’ तकनीक पर काम करती है।
रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के अधिकारियों के मुताबिक यह मिसाइल पृथ्वी के वायुमंडल के 50 किमी. के दायरे में आने वाली सभी मिसाइलों को रोक सकता है। मिसाइल को 2000 किमी. दूर से आती दुश्मन की मिसाइल को नष्ट करने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। इसे बंगाल की खाड़ी में एक जहाज से दागा गया।
रडार आधारित प्रणाली के जरिये मिसाइल ने दुश्मन की मिसाइल की पहचान कर अपनी उपयोगिता साबित की। रडार के मिली जानकारी की मदद से कंप्यूटर नेटवर्क ने अपनी ओर आ रही बैलेस्टिक मिसाइल के मार्ग का पता लगाया। कंप्यूटर से निर्देश मिलने के बाद इसे टारगेट पर छोड़ दिया गया। इस मिसाइल को उच्च एक्यूरेसी नेवीगेशन सिस्टम के नेतृत्व में रेडंडेट माइक्रो नेवीगेशन सिस्टम की मदद से सटीक निशाना लगाया गया।
उन्नत तकनीकी वाली इस मिसाइल का सफल परीक्षण भारत के लिए एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। जो बैलेस्टिक मिसाइल वाले दुश्मन देशों को जवाब देने के लिए बड़ा हथियार बनेगी और भारत के सुरक्षा कवच का काम करेगी। इस मिसाइल से भारत की सैन्य ताकत में बड़ा इजाफा होगा। खासकर पाकिस्तान और चीन के हमलों का जवाब देने के लिए ये मिसाइल भारत के लिए काफी अहम रोल अदा कर सकती है।