करीमगंज। असम के बराकघाटी अंतर्गत करीमगंज जिले के अंतरराष्ट्रीय सीमाई इलाके से पुलिस ने बांग्लादेशी मूल के चार आईएसआईएस आतंकियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के आलाधिकारी चारों आतंकियों से गहन पूछताछ कर रहे हैं।
मेंकरीमगंज के पुलिस अधीक्षक प्रदीप रंजन कर के मुताबिक आईजी समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियां आतंकियों से गहन पूछताछ में जुटी हैं। उन्होंने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर मंगलवार को जिले के भारत-बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय सीमा के दूर-दराज इलाके से चारों को गिरफ्तार किया गया। चारों की गिरफ्तारी भी बड़े ही नाटकीय ढंग से हुई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि दस दिन पहले बांग्लादेश से भारत में करीमगंज जिले के रास्ते पांच बांग्लादेशी मूल के आईएसआईएस आतंकी घुसपैठ किए थे। पांचों में एक आतंकी इज्जत अली की उसके साथियों ने ही आपसी मनमुटाव के बाद गोली मारकर हत्या कर दी थी। बाद में आतंकियों ने उसे अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास ही मिट्टी में दफना दिया था।
पुलिस को जब इस बात की भनक लगी तो अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र निलम बाजार इलाके से कब्र को खोदकर शव को बाहर निकाला। उसके बाद जांच आरंभ हुई। जांच में पता चला कि मृतक आईएसआईएस का आतंकी है। इसके बाद पुलिस ने अपनी जांच का दायरा और बढ़ा दिया। पुलिस ने शव की बरामदगी के बाद लिंकमैन मैनुल हक चौधरी और साहजान अहमद को धर दबोचा। दोनों की निशानदेही पर चारों आईएसआईएस आतंकियों को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने जांच में खलल पड़ने के चलते चारों आईएसआईएस आतंकियों की पहचान को उजागर नहीं किया है। पुलिस ने दावा किया है कि पूछताछ में इलाके में आईएसआईएस के अन्य मददगारों की पहचान होगी। ज्ञात हो कि असम में जमाते मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) की घुसपैठ तो काफी समय से हो रही थी, यह पहला वाकया है जब आईएसआईएस की राज्य में उपस्थिति के निशान मिले हैं।