Friday , January 3 2025
मौसम विभाग ने अगले 36 घंटों के अंतराल में राज्य के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। गंगा, मंदाकिनी और अलकनंदा समेत अधिकतर नदियों का उफान कुछ कम हुआ है। उधर, चारों धामों में यात्रियों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। पर्वतीय जिलों में मंगलवार रात छिटपुट बारिश के दौर चलते रहे, सुबह मौसम खुल गया। बदरीनाथ हाईवे पर भूस्खलन की वजह से जाखड़ी बनाला जल विद्युत परियोजना की नहर क्षतिग्रस्त हो गई। इससे यहां उत्पादन ठप हो गया। डाबरकोट में भूस्खलन की वजह से बंद यमुनोत्री हाईवे दोपहर बाद खुल गया। हालांकि यहां कुछ इलाकों में पहाड़ी से पत्थर गिरने का क्रम पूरे दिन चलता रहा। गंगोत्री हाईवे सुबह हेलगूगाड़ के पास पहाड़ी से मलबा आने की वजह से बाधित हो गया था, दोपहर करीब बारह बजे इस पर यातायात सुचारु हो गया। केदारनाथ हाईवे फाटा के पास मंगलवार शाम से अवरुद्ध है्र, यहां सड़क पर मलबा आने से वाहनों की आवाजाही प्रभावित रही। हालांकि, पैदल यात्रा जारी है। मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, पिथौरागढ़ के स्कूलों में अवकाश घोषित यह भी पढ़ें कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ में थल -मुनस्यारी मार्ग और जौलजीवी -मुनस्यारी मार्ग मलबा आने से कुछ घंटे बंद रहा। जिले के 14 संपर्क मार्ग अभी बंद है और इन मार्गों से मलबा हटाने का काम जारी है। बागेश्वर जनपद में पिछले चार दिन में भूस्खलन के चलते दस सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। विषम हालात में भी यात्रियों का उत्साह मौसम विभाग की कल प्रदेश में बारिश-ओलावृष्टि की चेतावनी यह भी पढ़ें मौसम के चलते विकट हालात के बावजूद चारों धामों में यात्रियों के पहुंचने का क्रम बुधवार को भी जारी रहा। सबसे ज्यादा खतरा यमुनोत्री मार्ग पर बना हुआ है, यहां डाबरकोट में करीब चार सौ मीटर हिस्से में पहाड़ी से रुक-रुक कर पत्थर गिर रहे हैं। बावजूद इसके यमुनोत्री धाम में 300 से अधिक यात्री दर्शनों के लिए पहुंचे। बता दें कि यहां एक रोज पहले बादल फटने से व्यापक नुकसान हुआ था। लेकिन, इस आपदा के बाद भी श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं पड़ा।

भारी गुजरेंगे अगले 36 घंटे, मौसम विभाग ने जारी की भारी बारिश की चेतावनी

मौसम विभाग ने अगले 36 घंटों के अंतराल में राज्य के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। गंगा, मंदाकिनी और अलकनंदा समेत अधिकतर नदियों का उफान कुछ कम हुआ है। उधर, चारों धामों में यात्रियों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा।मौसम विभाग ने अगले 36 घंटों के अंतराल में राज्य के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। गंगा, मंदाकिनी और अलकनंदा समेत अधिकतर नदियों का उफान कुछ कम हुआ है। उधर, चारों धामों में यात्रियों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा।   पर्वतीय जिलों में मंगलवार रात छिटपुट बारिश के दौर चलते रहे, सुबह मौसम खुल गया। बदरीनाथ हाईवे पर भूस्खलन की वजह से जाखड़ी बनाला जल विद्युत परियोजना की नहर क्षतिग्रस्त हो गई। इससे यहां उत्पादन ठप हो गया। डाबरकोट में भूस्खलन की वजह से बंद यमुनोत्री हाईवे दोपहर बाद खुल गया। हालांकि यहां कुछ इलाकों में पहाड़ी से पत्थर गिरने का क्रम पूरे दिन चलता रहा।   गंगोत्री हाईवे सुबह हेलगूगाड़ के पास पहाड़ी से मलबा आने की वजह से बाधित हो गया था, दोपहर करीब बारह बजे इस पर यातायात सुचारु हो गया। केदारनाथ हाईवे फाटा के पास मंगलवार शाम से अवरुद्ध  है्र, यहां सड़क पर मलबा आने से वाहनों की आवाजाही प्रभावित रही। हालांकि, पैदल यात्रा जारी है।   मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, पिथौरागढ़ के स्कूलों में अवकाश घोषित यह भी पढ़ें कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ में थल -मुनस्यारी मार्ग और जौलजीवी -मुनस्यारी मार्ग मलबा आने से कुछ घंटे बंद रहा। जिले के 14 संपर्क मार्ग अभी बंद है और इन मार्गों से मलबा हटाने का काम जारी है। बागेश्वर जनपद में पिछले चार दिन में भूस्खलन के चलते दस सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं।   विषम हालात में भी यात्रियों का उत्साह   मौसम विभाग की कल प्रदेश में बारिश-ओलावृष्टि की चेतावनी यह भी पढ़ें मौसम के चलते विकट हालात के बावजूद चारों धामों में यात्रियों के पहुंचने का क्रम बुधवार को भी जारी रहा। सबसे ज्यादा खतरा यमुनोत्री मार्ग पर बना हुआ है, यहां डाबरकोट में करीब चार सौ मीटर हिस्से में पहाड़ी से रुक-रुक कर पत्थर गिर रहे हैं। बावजूद इसके यमुनोत्री धाम में 300 से अधिक यात्री दर्शनों के लिए पहुंचे। बता दें कि यहां एक रोज पहले बादल फटने से व्यापक नुकसान हुआ था। लेकिन, इस आपदा के बाद भी श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं पड़ा।

पर्वतीय जिलों में मंगलवार रात छिटपुट बारिश के दौर चलते रहे, सुबह मौसम खुल गया। बदरीनाथ हाईवे पर भूस्खलन की वजह से जाखड़ी बनाला जल विद्युत परियोजना की नहर क्षतिग्रस्त हो गई। इससे यहां उत्पादन ठप हो गया। डाबरकोट में भूस्खलन की वजह से बंद यमुनोत्री हाईवे दोपहर बाद खुल गया। हालांकि यहां कुछ इलाकों में पहाड़ी से पत्थर गिरने का क्रम पूरे दिन चलता रहा। 

गंगोत्री हाईवे सुबह हेलगूगाड़ के पास पहाड़ी से मलबा आने की वजह से बाधित हो गया था, दोपहर करीब बारह बजे इस पर यातायात सुचारु हो गया। केदारनाथ हाईवे फाटा के पास मंगलवार शाम से अवरुद्ध  है्र, यहां सड़क पर मलबा आने से वाहनों की आवाजाही प्रभावित रही। हालांकि, पैदल यात्रा जारी है।

कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ में थल -मुनस्यारी मार्ग और जौलजीवी -मुनस्यारी मार्ग मलबा आने से कुछ घंटे बंद रहा। जिले के 14 संपर्क मार्ग अभी बंद है और इन मार्गों से मलबा हटाने का काम जारी है। बागेश्वर जनपद में पिछले चार दिन में भूस्खलन के चलते दस सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। 

विषम हालात में भी यात्रियों का उत्साह

मौसम के चलते विकट हालात के बावजूद चारों धामों में यात्रियों के पहुंचने का क्रम बुधवार को भी जारी रहा। सबसे ज्यादा खतरा यमुनोत्री मार्ग पर बना हुआ है, यहां डाबरकोट में करीब चार सौ मीटर हिस्से में पहाड़ी से रुक-रुक कर पत्थर गिर रहे हैं। बावजूद इसके यमुनोत्री धाम में 300 से अधिक यात्री दर्शनों के लिए पहुंचे। बता दें कि यहां एक रोज पहले बादल फटने से व्यापक नुकसान हुआ था। लेकिन, इस आपदा के बाद भी श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं पड़ा।

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