इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा के जवाहरबाग में मारे गये लोगों की सीबीआई जांच की मांग में दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को 101 आरोपियों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट व अन्य साक्ष्य की प्रति 15 दिन में याचियों को देने का आदेश दिया है। साथ ही पूर्व में पारित कोर्ट आदेश का भी पालन करने को कहा है। याचिका की अगली सुनवाई तीन अक्टूबर को होगी।यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डी.बी.भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने अश्वनी उपाध्याय व अन्य की याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया है। प्रदेश के महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह ने कोर्ट को जानकारी दी कि घटना की जांच पुलिस ने पूरी कर ली है। 101 लोगांे के खिलाफ चार्जशीट अदालत में पेश की जा चुकी है। इस पर कोर्ट द्वारा 19 सितम्बर को सुनवाई होगी। इसके अलावा राज्यसरकार ने कमीशन आफ इंक्वायरी एक्ट के तहत पूरे प्रकरण की जांच हाईकोर्ट के रिटायर जज न्यायमूर्ति इम्तियाज मुर्तजा को सौंप दी है। प्रदेश सरकार की तरफ से कहा गया कि रिटायर जज ने भी लगभग अपनी जांच पूरी कर ली है। याचिकाकर्ताओं को न्यायिक आयोग ने अपना पक्ष रखने के लिए कई बार बुलाया परन्तु वहां कोई अपना पक्ष रखने नहीं जा रहा है।ऐसे में घटना की सीबीआई जांच कराने का औचित्य नहीं है। जबकि याची का कहना था कि केवल हिंसक घटना की जांच का मुद्दा नहीं है। वरन 2014 में दो दिन के धरने की अनुमति लेकर घटना के दिन तक हजारों लोगों को जमा करने व शस्त्र रखने, 300 पेड़ काट डालने व आतंक कायम करने में अधिकारियों की भूमिका की जांच का प्रश्न है। यह केवल कानून व्यवस्था का ही मुद्दा नहीं है। कोर्ट ने पूछा कि पुलिस ने विवचेना कर 101 लोगों को आरोपित किया है। जिसकी जानकरी याचीगण को नहीं है तो वह कैसे कह सकते हैं कि पुलिस ने ठीक से विवेचना नहीं की है। इस पर याची अधिवक्ताओं ने पुलिस रिपोर्ट व मैटीरियल की प्रति उपलब्ध कराने की मांग की जिस पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है।