लखनऊ। राष्ट्रीय महिला अयोग की अध्यक्ष ललिता कुमार मंगलम ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा महिला हिंसा के मामले में सहयोग नहीं कर रहा है इसलिए प्रदेश में जनसुनवाई के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग को खुद आना पड़ रहा है। हालांकि यहां पर उन्होंने मामलों की सुनवाई के दौरान सहयोग किया है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर मामलों में पत्रों के जवाब नहीं मिल रहे हैं। इसलिए भी ऐसा अंदेशा लगाया जा सकता है।
कुमार मंगलम शुक्रवार को पत्रकारों से बात कर रहीं थीं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सबसे पहले गजियाबाद, फिर लखनऊ में जनसुनवाई की जा रही है। लखनऊ के आस-पास के क्षेत्रों में महिला पारिवारिक हिंसा की ज्यादा शिकार हो रही हैं।
उन्होंने बताया कि 2016 में पूरे देश से बारह हजार 338 मामले आए थे। जिनमें सात हजार एक सौ 98 मामले यूपी के हैं। इनमें महिला से पारिवारिक हिंसा फिर प्रापर्टी के विवादित मामले बहुत ज्यादा आए हैं। सभी ममालों में महिला आयोग संज्ञान लेकर उनका निस्तारण करने प्रयास कर रहा है। जबकि 2015 में पूरे देश से चैदह हजार तीन सौ 92 लगभग 61 प्रतिश तमामले सामने आये हैं। अपने प्रदेश में राहत न मिलने पर लोग राष्ट्रीय महिला आयोग का दरवाजा खटखटाते हैं।
बुलंदशहर मामले में दोषी है पुलिस
बीते दिनों जो बुलंदशहर के हाइवे में गैंग रेप हुआ है। पूर्णतया पुलिस की लापरवाही का नतीजा है। अगर मामले में सचेत होती तो इतना बड़ा हादसा न होता। पुलिस पहले मामले में ढिली पड़ रहती थी। महिला आयोग के दखल के बाद पाक्सों और धाराएं बढ़ाई गई और मामला सीबीआई के पास पहुंच गया है। जिस बच्ची के साथ घटना हुई उनके पिता ने तो पुलिस और अपराधियों पर मिलीभगत का आरोप लगाया है।
महिला हिंसा के मामले सबसे ज्यादा यूपी में
महिला हिंसा के मामले यूपी में शायद सबसे ज्यादा देखे जा सकते है। लेकिन यह पूरे देश में है। इसका मुख्य कारण अशिक्षा और जागरुकता की कमीं। इसके लिए समाज और शिक्षा दोनों अनिवार्य है तो शायद इस मामले में कमी आ जाये। महिला-पुरुष दोनों के परस्पर सहयोग से इसे कम किया जा सकता है।
सेलेबे्रटी और राजनेता अपने बयानों में रखे संयम
महिला हिंसा पर राजनेता और अभिनेता को अपने बयानों पर संयम बरतना चाहिए। जैसे हाल में अभी सलमान खान जो बयान दिया वह बेहद निंदनीय रहा है। उन्हे ऐसे मामलों पर सोंच समझकर बोलने की जरुरत है। ऐसे ही बुलंदशहर मामले में वरिष्ठ मंत्री आजम खां के बयान से पीड़ित परिवार को ठेस पहुंची है। इसकी प्रकार रेणुका चैधरी कांग्रेस की वष्ठि लीडर है उन्हें भी बयान सोंच-समझकर देना चाहिए।
2016 में उत्तर प्रदेश के महिला हिंसा के मामले जिलेवार
जिले मामले
गजियाबाद- 579
आगरा- 584
मेरठ – 256
मथुरा- 343
गौतमबुद्धनगर- 447