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मायावती ने वीर सिंह को भी पद से हटाया, राम जी लाल गौतम बसपा के नये राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

बसपा सुप्रीमो मायावती ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जय प्रकाश सिंह को पार्टी से बाहर करने के बाद सांसद वीर सिंह को भी राष्ट्रीय महासचिव व नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से हटा दिया। लखीमपुर खीरी के रामजी लाल गौतम को नया राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। इसके अलावा यूपी से जुड़े कई वरिष्ठ कोऑर्डिनेटरों की भी जिम्मेदारी में बदलाव किया गया है। उनकी यूपी में भूमिका सीमित करते हुए दूसरे राज्यों में जिम्मेदारी देते हुए सक्रिय होने को कहा गया है।

मायावती ने पिछले दिनों लखनऊ के काडर कैंप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ बयानबाजी को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन उपाध्यक्ष व नेशनल कोआर्डिनेटर जय प्रकाश सिंह को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से हटाने के साथ पार्टी से भी निकाल दिया था। अब जयप्रकाश के साथ मंच पर मौजूद रहे राष्ट्रीय महासचिव व नेशनल कोऑर्डिनेटर वीर सिंह को भी इन दोनों पदों से हटा दिया है।

उनकी यूपी से जुड़ी जिम्मेदारी भी वापस ले ली गई है। अब वह तेलंगाना और केरल जैसे राज्यों में पार्टी को मजबूत करने का काम करेंगे। लखीमपुर के रहने वाले रामजी लाल गौतम अब तक कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में पार्टी का काम देख रहे थे। मायावती ने उन्हें पार्टी का नया राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। बसपा में अध्यक्ष के बाद उपाध्यक्ष पद ही सबसे अहम माना जाता है। मायावती लंबे समय तक स्वयं इस पद पर रही हैं।

फैजाबाद व देवीपाटन मंडल के जोन इंचार्ज व पूर्व सांसद मुनकाद अली को राजस्थान का प्रभारी बनाया गया है। बताया गया कि उन्हें अलीगढ़ व आगरा मंडल के कोऑर्डिनेटर की भी जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा एमएलसी अतर सिंह राव को पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ का कोऑर्डिनेटर बनाया गया है।

पहले ये राष्ट्रीय महासचिव राम अचल राजभर के साथ मध्यप्रदेश देख रहे थे। अब राजभर के साथ मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी सांसद अशोक सिद्धार्थ देखेंगे। सिद्धार्थ के पास महाराष्ट्र की भी जिम्मेदारी रहेगी। एमएलसी दिनेश चंद्रा को बिहार का प्रभारी बनाया गया है। छत्तीसगढ़ के प्रभारी लालजी वर्मा के साथ भी सिद्धार्थ रहेंगे। पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी को छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी दी गई है।

जिम्मेदार नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की वजह और भी हैं

–  जानकार बताते हैं कि लखनऊ का काडर कैंप पार्टी की तय व्यवस्था से हटकर किए जाने को पार्टी नेतृत्व ने बेहद गंभीरता से लिया है।

– काडर कैंप हमेशा बंद कमरे में किए जाते हैं। लखनऊ कैंप में न सिर्फ मीटिंग हाल खुला रहा बल्कि हाल भरने पर बाकी पदाधिकारियों के लिए प्रोजेक्टर पर नेताओं के भाषण सुनने की व्यवस्था की गई। ये भाषण माइक से बाहर तक सुनाई दिए।

– बसपा के काडर कैंप में मीडिया की मौजूदगी पर रोक रहती है। लेकिन लखनऊ कैंप में न सिर्फ बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी मौजूद रहे बल्कि बड़े नेताओं ने चांदी का मुकुट पहनकर फोटो भी खूब खिंचाई। इससे पब्लिक के बीच पार्टी की छवि खराब हुई।

– नव नियुक्त नेशनल कोऑर्डिनेटरों जय प्रकाश सिंह और वीर सिंह के लखनऊ आने पर बड़े पैमाने पर होर्डिंग, बैनर का प्रयोग हुआ जिसमें नेताओं ने अपने को फोकस करने का प्रयास किया।

– काडर के बीच बोलने के लिए नेताओं को स्पष्ट लाइन दी जाती है। जिम्मेदार नेताओं ने न सिर्फ पार्टी लाइन से हटकर बातें की बल्कि काफी हल्की व कथित तौर पर ओछी बातें की जो मीडिया में सुर्खियां भी बन गई।

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