हाल ही में आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति ने राज्यपाल को इन कोर्सेज की जानकारी भी दे दी है। खास बात यह है कि प्रदेश में जड़ी-बूटी के विकास को बढ़ावा देने के लिए किसानों को भी कई कोर्स करने का मौका दिया जाएगा।
आयुर्वेद विश्वविद्यालय के हर्रावाला परिसर में अभी केवल बीएएमएस का कोर्स संचालित होता है, लेकिन इस साल से विवि प्रशासन ने नौ नए कोर्स शुरू करने की घोषणा की है। इसमें मुख्य तौर पर पंचकर्म तकनीशियन डिप्लोमा, योग और आयुर्वेद नर्सिंग के अलावा जड़ी-बूटी पहचान के छह कोर्स कराए जाएंगे।
विवि के कुलपति प्रो. अभिमन्यु कुमार ने राज्यपाल को दिए प्रस्तुतिकरण में बताया है कि इन कोर्सेज को संचालित करने का मकसद प्रदेश के युवाओं के लिए नए रोजगारपरक कोर्स का रास्ता खोलना और किसानों की आय बढ़ाने के सरकार के अभियान को आगे बढ़ाना है।
इसके तहत हर्रावाला स्थित परिसर में किसानों के लिए जड़ी-बूटी पहचान केंद्र खोला जा रहा है। यहां प्रदेश के किसान जड़ी-बूटी पहचान का कोर्स कर सकते हैं ताकि वे अपने आसपास मौजूद जड़ी-बूटी के अलावा खेतों में भी जड़ी-बूटी पैदा कर अपनी आय बढ़ा सकें। जल्द इन कोर्सेज की विधिवत घोषणा की जाएगी। इसके बाद दाखिले शुरू होंगे।
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