आइजोल: मिजोरम विधानसभा चुनाव (Mizoram elections Result 2018) में वोटों की गिनती जारी है. अब तक के रुझानों में साफ हो चुका है कि राज्य में कांग्रेस की सत्ता खत्म हो चुकी है. कांग्रेस के लिहाज से हैरान करने वाली बात यह है कि मुख्यमंत्री लाल ललथनहवला चम्फाई दक्षिण सीट से चुनाव हार गए हैं. उन्हें MNF के प्रत्याशी टीजे लालनुथुंगा (TJ Lalnuntluanga) ने हराया है. अब तक के रुझानों में मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) 26 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. वहीं कांग्रेस 9, बीजेपी 1 और अन्य 4 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. लाल ललथनहवला पांच बार मिजोरम के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इस बार अगर वे और कांग्रेस पार्टी जीत जाती तो लाल ललथनहवला छठी बार मुख्यमंत्री बनते. 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में लाल ललथनहवला की अगुवाई में कांग्रेस को 34 सीटें मिली थीं.
मालूम हो कि मिजोरम बनने के बाद से ही यहां दो पार्टियों का वर्चस्व रहा है पहला कांग्रेस और दूसरा मिजो नेशनल फ्रंट. राज्य के गठन के बाद मिजोरम के पहले मुख्यमंत्री एमएनएफ के लालडेंगा बने थे, लेकिन अगले ही चुनाव में कुर्सी कांग्रेस के हाथों आई और ललथनहवला प्रदेश के मुख्यमंत्री बने.
ललथनहवला के नाम सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड है, जो ज्योति बसु की बराबरी करता है. ललथनहवला पांच बार मिजोरम के मुख्यमंत्री रहे. इससे पहले दिवंगत ज्योति बसु लगातार पांच बार पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे थे.
ललथनहवला 1984 में पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, जब पार्टी ने ब्रिग थेनफंगा साइलो की अगुवाई वाली सत्तारूढ़ पीपुल्स कांफ्रेंस पार्टी को पराजित किया था. बाद में 1986 में उन्हें पद छोड़ना पड़ा था. उस समय मिजो नेशनल फ्रंट-कांग्रेस गठबंधन अंतरिम सरकार में एमएनएफ नेता लालडेंगा मुख्यमंत्री बने थे. दूसरी बार ललथनहवला 1989 में सत्ता में तब आए, जब कांग्रेस और एमएनएफ (डेमोक्रेट्स) ने सरकार बनाई.
1993 में वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बने. उस समय कांग्रेस और मिजोरम जनता दल ने मिलकर सरकार का गठन किया. 1998 और 2003 में एमएनएफ ने कांग्रेस को पराजित किया. चौथी बार 2008 में ललथनहवला मुख्यमंत्री बनने में सफल रहे.