लखनऊ। पहले समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन और उसके बाद विलय के ऐलान के बाद भी बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल को जब सही मुकाम न मिला तो उन्होंने अपनी पुरानी पार्टी बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया है। पार्टी में शामिल होने के साथ ही कौमी एकता दल के तीनों प्रमुख नेताओं को टिकट भी देने का ऐलान बसपा सुप्रीमों मायावती ने किया।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरूवार को मुख्तार अंसारी परिवार को पार्टी में शामिल किए जाने की घोषणा की। इसके साथ ही पार्टी ने मुख्तार अंसारी को मऊ सदर सीट से, घोसी की सीट से मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी को टिकट दिया गया है तो वहीं, मोहम्मदाबाद सीट से मुख्तार के बड़े भाई सिगबतुलाह अंसारी को प्रत्याशी बनाया गया है।
इस मौके पर बसपा मुखिया ने पत्रकारों से बताया कि मेरी सरकार के समय में कानून व्यवस्था पर कोई आंच नहीं आई थी। इसी तरह आगे भी सरकार बनती है तो कानून व्यवस्था पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार में इस बात का विशेष ध्यान रखा था कि किसी को षडयंत्र के तहत फंसवा कर जेल भिजवाया गया है तो उन्हें इंसाफ दिलाया जाए। इसके अलावा उनकी हिफाजत भी की गई है।
पार्टी में वापस आने पर उन्हें अहमियत दी गई। उन्होंने कहा कि दबाव में मुख्तार अंसारी परिवार ने सपा में शामिल हुए थे। अब वापस अंसारी परिवार को बसपा में शामिल कराया जा रहा है।
इनके कुछ टिकट भी फाइनल कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश की जनता में इनके लिए नाराजगी है। अब भाजपा को लग गया है कि उनकी हार हो रही है। इसलिए बीजेपी को धर्म का सहारा लेना पड़ रहा है। वहीं समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा कि सपा ने चुनाव से पहले ही हार मान चुकी है।