लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सचिवालय में शनिवार को फिर बिज्जू दिखाई पड़ा। इस मांसाहारी और लड़ाकू स्वभाव वाले जानवर के उच्च सुरक्षा व्यवस्था वाले कार्यालय में बार-बार आने से कर्मचारियों में दहशत का माहौल है।मुख्यमंत्री सचिवालय की लिफ्ट के गैप में आज सुबह बिज्जू के दिखते ही वहां हड़कंप मच गया। इसे देख सचिवालय के अधिकारियों व कर्मचारियों के हाथ-पांव फूल गये। आनन-फानन में वन विभाग के कर्मचारी और पुलिस बल मौके पर पहुंचा और बिज्जू को निकालने में जुटे हैं।कड़ी सुरक्षा व्यवस्था वाले मुख्यमंत्री कार्यालय में जंगली जानवर बिज्जू का आतंक आज कोई नया नहीं है। बताया जाता है कि एक साल के अंदर यह चैथा मौका है जब मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में इसने अधिकारियों को दहशत में डाला है।इससे पहले 14 मई को वहां एक बिज्जू मिला था, जिसे काफी मेहनत के बाद वन विभाग के लोगों ने पकड़ा था। उस वक्त वन विभाग के कुछ कर्मचारियों ने यह आशंका व्यक्त की थी कि यहां और बिज्जू हो सकते हैं। बाद में पता चला था कि बिज्जू ने लम्बी सुरंग बनाई हुई है, जिसके जरिए वह एनेक्सी के पंचमतल में आतंक मचाए था। उसका निशाना मुख्य सचिव दफ्तर भी रहा।मुख्यमंत्री का सचिवालय एनेक्सी भवन में पांचवे तल पर स्थित है, जबकि मुख्य सचिव का कार्यालय इसी भवन में दूसरे तल पर है। इन कार्यालयों के कार्यरत अधिकारी व कर्मचारी बिज्जू के बार-बार दिखाई पड़ने से बहुत ही डरे हुए हैं। मुख्य सचिव दफ्तर के कर्मचारियों का कहना है कि रात के वक्त वहां से अजीब सी आवाज आती है। इससे वे दहशत में आ जाते हैं। उनका कहना है कि यह अजीब सी आवाज शायद बिज्जू की ही होगी।
खूँखार प्राणी है बिज्जू
बिज्जू एक मांसाहारी और खूँखार किस्म का प्राणी है। लड़ाके स्वभाव और मोटी चमड़ी के कारण अन्य जानवर इस से दूर रहते हैं और इसपर हमला करने से भी डरते हैं। यह स्तनधारी जानवर है और भारतीय उपमहाद्वीप के अलावा दक्षिणपश्चिमी एशिया और अफ्रीका में पाया जाता है। यह लंबी माँद बनाकर रहता है। इसके शरीर का ऊपरी भाग भूरा, बगल और पेट काला तथा माथे पर चैड़ी सफेद धारी होती है। हर पैर पर पाँच मजबूत नख होते हैं जो माँद खोदने के काम आते हैं। यह अगले पैर से माँद खोदता जाता है और पिछले पैरों से मिट्टी दूर फेंकता जाता है। यह अपने पुष्ट नखों से कब्र खोदकर मुर्दा भी खा लेता है। यह सर्वभक्षी जानवर है।