समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के परिवार में एक और फूट हुई है. मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव ने सपा से अलग जाकर चाचा शिवपाल सिंह यादव के मोर्चे का समर्थन कर दिया है. समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के मंच पर पहुंचीं अपर्णा यादव ने कहा, ‘यहां 24 राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई थी. सब अगर एक साथ आएं तो वो एक शक्ति बन जाएगी. शक्ति को इक्ट्ठा करें और इस दल में बल में बदल दिया. मैं चाहती हूं कि सेक्युलर मजबूत हो. मजबूती के साथ अपने लोकतंत्र को मजबूत करें.’
विधानसभा चुनाव में अपर्णा सपा के चुनाव चिन्ह पर लड़ी थीं, लेकिन वह चुनाव हार गई थीं. भतीजे अखिलेश यादव से मनमुटाव के बाद पिछले दिनों शिवपाल यादव ने सपा से अलग होकर नए मोर्चे का गठन किया है. माना जा रहा है कि बीजेपी के साथ पर्दे के पीछे सांठ-गांठ के बाद उन्होंने सेक्युलर मोर्चे का गठन किया है.
साल 2017 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुलायम सिंह यादव के परिवार का झगड़ा सामने आया था. अखिलेश यादव पिता मुलायम को हटाकर सपा अध्यक्ष बन गए थे. इसके अलावा उन्होंने चाचा शिवपाल को हासिए पर ढकेल दिया था.
इस घटना के बाद से चाचा शिवपाल लगातार अखिलेश यादव को राजनीतिक नुकसान पहुंचाने वाले कदम उठाते रहे हैं. इस पूरे मसले में शिवपाल दावा कर रहे हैं कि मुलायम सिंह यादव उनके साथ हैं, वहीं अखिलेश यादव का कहना है कि उन्हें पिता का आर्शीवाद प्राप्त है. परिवार की इस लड़ाई में मुलायम कभी शिवपाल तो कभी अखिलेश के मंच पर देखे जा चुके हैं. मुलायम सिंह यादव स्पष्ट नहीं कर पाए हैं कि उनका समर्थन भाई शिवपाल को है या बेटे अखिलेश यादव को.
बीजेपी ने अपर्णा पर उठाए सवाल
मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव के चाचा शिवपाल यादव के साथ मंच साझा करने के बाद बीजेपी ने इसपर सवाल उठाए हैं. बीजेपी के प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि अब समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव को जवाब देना चाहिए कि, आखिरकार अपर्णा किसके साथ जा रही हैं. सपा की ओर से बार-बार यह कहे जाने पर कि कुछ पार्टी बीजेपी की बी टीम है. इन आरोपों को लेकर मनीष शुक्ला ने कहा कि आजकल यह फैशन हो गया है.
नेता और पार्टियां जब राजनीति में प्रासंगिक नहीं रह जाती हैं तो वे खुद को प्रासंगिक बनाने के लिए ऐसा बोलते हैं. साथ में उन्होंने यह भी कहा कि तमाम राजनीतिक दल बीजेपी के साथ हो रही है, क्योंकि जनता बीजेपी के साथ है.