नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अपने नेताओं के बगावती तेवर झेलने के बाद कांग्रेस के सामने अब एक और नई मुसीबत सामने आई गई है। ताजा मामला मेघालय का है। यहां कई कांग्रेसी मंत्रियों और विधायकों ने मुख्यमंत्री मुकुल संगमा को हटाने की मांग की है।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्प्रेस के मुताबिक, असंतुष्ट विधायकों का आरोप है कि संगमा तानाशाह के रूप में काम कर रहे हैं और बिना पूछे फैसले ले रहे हैं। भाजपा यहां पर भी मौका तलाश रही है। इसके चलते कांग्रेस के लिए खतरा और बढ़ गया है।
बता दें कि हाल ही में तुरा लोकसभा में हुए उपचुनाव में कांग्रेस को करारी हार झेलनी पड़ी थी। इस हार के बाद से यहां का मामला और भी गंभीर हो गया। इस उपचुनाव में मुकुल संगमा की पत्नी दिकांची डी शिरा कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरी थीं। लेकिन उन्हें पूर्व लोकसभा स्पीकर पीएम संगमा के बेटे कोनराड के संगमा ने 1.92 लाख वोटों से हरा दिया। राज्य में यह जीत का सबसे बड़ा अंतर है।
अरुणाचल प्रदेश में सत्ता गंवाने और उत्तराखंड में बाल-बाल बचने के बाद अब कांग्रेस मेघालय के मामले को गंभीरता से ले रही है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी आलाकमान बगावत को लेकर गंभीर है। उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने असंतुष्ट विधायकों से मिलने को कहा है और पार्टी का मानना है कि मंत्रिमंडल में फेरबदल से मामला सुलझाा लिया जाएगा।
सीएम मुकुल संगमा ने इस बारे में बताया कि यह अंदरूनी मामला है। हमारे अंदरूनी तंत्र के तहत इन परिस्थितियों का सामना करने की प्रक्रिया मौजूद है।
60 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 30 सीटें हैं। साथ ही उसे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो और 11 निर्दलीयों का समर्थन है। विपक्ष में मेघालय पीपल्स फ्रंट के 12, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के 8, नेशनल पीपल्स पार्टी के दो और दो निर्दलीय विधायक हैं। इनके अलावा हिल्स स्टेट पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के चार और एनईएसडीपी का एक विधायक है।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस इसलिए भी परेशान है कि राज्य की जिम्मेदारी देखने वाले दो बड़े नेता अपनी लड़ाइयों में उलझे हुए हैं। कांग्रेस के उत्तरपूर्व के इंचार्ज वी नारायणसामी पुदुचेरी में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी कर रहे हें। वहीं मेघालय की इंचार्ज विजयलक्ष्मी साधो मध्य प्रदेश से राज्य सभा जाने की जुगत लगा रही हैं। हालांकि पिछले सप्ताह नारायणसामी ने मेघालय कांग्रेस के अध्यक्ष डीडी लपांग और पूर्व सीएम एससी मराक के साथ मुलाकात की थी।
बताया जा रहा है कि लपांग ही संगमा के खिलाफ अभियान की अगुवाई कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी की लपांग और शिलॉन्ग सांसद विशेंट पाला के बीच बैठक में नारायणसामी भी मौजूद रहे थे। इसी बैठक में राहुल गांधी असंतुष्टों से मिलने को राजी हुए। नारायणसामी ने बगावत पर बताया कि सीएम सहित सभी कांग्रेस नेतृत्व से मिल रहे हैं। उनके पास 30 विधायकों का समर्थन है और 12 विधायक बाहर से समर्थन कर रहे हैं।