अलीगढ। अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय एएमयू के कुलपति जमीरद्दीन शाह ने खुद पर लगे वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा उच्चस्तरीय जांच कराये जाने की तैयारी सम्बन्धी खबरों के बीच आज कहा कि वह किसी भी तरह की जांच के लिये तैयार हैं। शाह ने यहां ‘भाषा’ को बताया कि एएमयू में वित्तीय तथा प्रशासनिक अनियमितताओं के आरोप बिल्कुल झूठे हैं और निहित स्वाथोंर् की पूर्ति के लिये उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी भी तरह की जांच का सामना करने के लिये पूरी तरह तैयार हूं।” यह पूछे जाने पर कि क्या एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे का मुद्दा उठाने की सजा के तौर पर केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार उन्हें परेशान कर रही है, शाह ने कहा कि ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा ‘‘कुछ निहित स्वार्थोें की वजह से मेरी एएमयू कुलपति पद पर नियुक्ति के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में दायर मामले में व्यवधान और मतिभ्रम पैदा करने के लिये यह सब किया जा रहा है.” शाह ने कहा कि उनकी नियुक्ति के खिलाफ मुकदमा दायर करने वाले लोग भी इस ताजा विवाद के लिये जिम्मेदार हैं।
इस बीच, एएमयू के सूत्रों ने बताया कि कुलपति ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को आज एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ कथित रुप से शुरु की जाने वाली कार्रवाई के आधार के बारे में पूछा है। मालूम हो कि मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने एएमयू तथा इलाहाबा विश्वविद्यालय के कुलपतियों के खिलाफ जांच के लिये राष्ट्रपति से अनुमति मांगी है।
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