मोतिहारी सदर अस्पताल के एक चिकित्सक के साथ शुक्रवार की रात पुलिस के एक जमादार द्वारा किए गए दुर्व्यवहार के खिलाफ शनिवार को भी चिकित्सकों में आक्रोश कायम रहा। शनिवार की सुबह बाह्य चिकित्सा कक्ष में मरीजों का इलाज नहीं हुआ। सिर्फ इमरजेंसी सेवा ही चली। इस बीच मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक उपेंद्र कुमार शर्मा ने सदर अस्पताल के पुलिस कैंप प्रभारी जमादार भरत राय को लाइन हाजिर कर दिया है। मामले की जांच चल रही है।
चिकित्सकों ने शनिवार को कहा कि जिस तरह से चिकित्सक पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने के लिए दबाव बनाया गया वह बेहद गंभीर है। कानून इसकी इजाजत नहीं देता। शुक्रवार की रात कुछ पुलिस अधिकारी सदर अस्पताल कैंप में बैठे थे और जमादार भरत को सदर अस्पताल के चिकित्सक डा. सुरेश कुमार को बुलाने के लिए उनके निजी क्लीनिक पर भेजा था। इस दौरान चिकित्सक के साथ जमादार ने दुर्व्यवहार किया और उनका कॉलर पकड़कर खींचने की कोशिश की।
इस मामले में संबंधित सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई चलनी चाहिए। चिकित्सकों ने फिलहाल इमरजेंसी सेवा को बहाल रखा है। लेकिन, ओपीडी व अन्य सेवाओं के संदर्भ में अगले निर्णय के लिए बैठक के बाद जानकारी देने को कहा है।
चिकित्सकों के आक्रोश को देखते हुए शुक्रवार की रात सदर एसडीओ प्रियरंजन राजू और पुलिस उपाधीक्षक मुरली मनोहर मांझी ने चिकित्सकों से बात की। इस दौरान अधिकारी द्वय ने चिकित्सकों को जमादार के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी दी। इसके बाद चिकित्सकों ने बैठक कर अगला निर्णय लेने की बात कही थी।
याद रहे कोटवा थानाक्षेत्र के मच्छरगावां में 24 अक्टूबर 2018 को पुलिस व उत्पाद विभाग की टीम ने छापेमारी की थी। इस दौरान यहां के युवक अवधेश मांझी की मौत हो गई। लोगों ने आरोप लगाया था कि अवधेश की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है। लोगों ने थाना पर प्रदर्शन किया था। इसके बाद चिकित्सकों की टीम ने शव का पोस्टमार्टम किया था। उसी रिपोर्ट को लेकर चिकित्सक को बुलाने जमादार शुक्रवार की रात गए थे। इस दौरान हुए दुर्व्यवहार के बाद चिकित्सकों ने बवाल काटा था। इमरजेंसी को छोड़ तमाम सेवाओं को बाधित कर दिया था