लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बम्पर बहुमत प्राप्त करने वाली भारतीय जनता पार्टी में छह दिन चली अटकलों के बाद शनिवार को नव निर्वाचित विधायकों ने गोरखनाथ पीठ के महंत और सांसद योगी आदित्य नाथ को अपना नेता चुन लिया।
भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद योगी आदित्य नाथ ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसके साथ ही योगी के प्रस्ताव पर प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य और लखनऊ के मेयर एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. दिनेश शर्मा को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है।
विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री के नाम की रेस में योगी के अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या, डा. दिनेश शर्मा शामिल थे।
पर एक-एक कर सभी रेस से बाहर होते गए और शनिवार की सुबह यह लगभग तय हो गया था कि नव निर्वाचित विधायकों की बैठक में मनोज सिन्हा के नाम पर मोहर लग जाएगी। लेकिन सुबह से ही भाजपा की आंतरिक राजनीति ने करवट ली और योगी आदित्य नाथ का नाम केंद्रीय संसदीय बोर्ड फाइनल कर दिया।
उत्तर प्रदेश में विधायक दल का नेता चुनने के लिए भाजपा केंद्रीय संसदीय बोर्ड ने केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू और राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। ये दोनों नेता आज सुबह ही यहां पहुंच गए थे। भाजपा ने अपने विधायकों की बैठक विधान भवन के सामने बने लोक भवन में अपराह्न चार बजे बैठक बुलाई गई थी।
नव निर्वाचित विधायक तो चार बजे से आने लगे लेकिन बैठक वेंकैया नारूडू के पांच बजकर 40 मिनट पर पहुंचने के बाद शुरू हुई। वेंकैया नायडू से 15 मिनट पहले योगी और उससे पहले भाजपा प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, डा. दिनेश शर्मा, केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र तथा अन्य प्रमुख नेता लोक भवन पहुंचे।
वेंकैया नायडू ने बताया कि विधयकों की बैठक शुरू होते ही वरिष्ठतम विधायक सुरेश खन्ना ने योगी आदित्य नाथ का नाम विधायक मंडल दल के नेता के नाम का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को स्वामी प्रसाद मौर्य,एसपी बघेल,मुकुट बिहारी वर्मा, सिरोही सहित 11 विधायकों ने समर्थन दिया।
इसके बाद योगी आदित्य नाथ को सर्वसम्मति भाजपा विधानमंडल दल का नेता चुन लिया गया। योगी ने नेता चुने जाने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का आभार व्यक्त करते हुए दो सहयोगी देने का आग्रह किया। इस आग्रह पर राष्ट्रीय अध्यक्ष से विचार विमर्श के बाद केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर केशव प्रसाद मौर्या और डा. दिनेश शर्मा को उप मुख्यमंत्री बनाने पर अपनी स्वीकृति दे दी गई।