योग गुरु रामदेव ने कुंभ मेले में साधु-संतों से धूम्रपान (Smoking) छोड़ने की अपील की है. उन्होंने कहा, ”हम राम और कृष्ण का अनुसरण करते हैं, जिन्होंने अपने जीवन में कभी धूम्रपान नहीं किया तो हम ऐसा क्यों करें? हमें धूम्रपान छोड़ने का प्रण लेना चाहिए.” उन्होंने कहा, ”हम साधुओं ने बड़े उद्देश्यों के लिए अपने माता-पिता, घर समेत हर चीज छोड़ दी तो हम धूम्रपान क्यों नहीं छोड़ सकते?”
रामदेव ने कई साधुओं से ‘चिलम’ लेकर उनको तंबाकू छोड़ने की शपथ दिलाई. उन्होंने कहा कि वह जो म्यूजियम बनाएंगे, उसमें इन सभी ‘चिलम’ को डिस्प्ले के लिए रखा जाएगा. रामदेव ने कहा, ”मैं युवाओं से तंबाकू और धूम्रपान छोड़ने के लिए कहता हूं तो महात्माओं से क्यों नहीं?”
इससे पहले हाल में बढ़ती जनसंख्या पर चिंता जाहिर करते हुए योग गुरु रामदेव ने कहा था कि जिनके दो से अधिक बच्चे हों, उनको मताधिकार और सरकारी नौकरी नहीं दी जानी चाहिए. बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए इस तरह के एक्शन की जरूरत पर रामदेव ने कहा, ”देश की आजादी को नियंत्रित करने के लिए ऐसे लोगों को मताधिकार, सरकारी नौकरी और सरकारी मेडिकल सुविधा नहीं दी जानी चाहिए जिनके दो से अधिक बच्चे हों. चाहें वे हिंदू हों या मुसलमान. इसके बाद ही जनसंख्या पर अंकुश लगाया जा सकेगा.” इसके साथ ही योग गुरु रामदेव ने कहा, ”ऐसे लोगों को चुनाव नहीं लड़ने देना चाहिए. सरकारी स्कूलों में दाखिला नहीं देना चाहिए. सरकारी अस्पताल में उपचार और सरकारी नौकरियां नहीं मिलनी चाहिए.”
ये पहली बार नहीं है योग गुरु रामदेव ने ऐसी बात कही है. इससे पहले पिछले साल नवंबर में रामदेव ने कहा था कि उनके जैसे ऐसे व्यक्तियों को जिन्होंने शादी नहीं की है, उनको विशेष रूप से सम्मानित किया जाना चाहिए. उस वक्त उन्होंने कहा था, ”इस देश में मेरे जैसे लोग जिन्होंने शादी नहीं की है, उनको विशेष रूप से सम्मानित किया जाना चाहिए. ऐसे लोग जिन्होंने शादी की है और जिनके दो से अधिक बच्चे हों, ऐसे लोगों को वोटिंग के अधिकार से वंचित किया जाना चाहिए.”
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