सीमावर्ती गांवों के विकास की गति की अब आनलाइन मॉनिटरिंग होगी। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इसके लिए आनलाइन मैनेजमेंट सिस्टम को लांच किया। सीमावर्ती इलाकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की समीक्षा के दौरान राजनाथ सिंह ने 61 गांवों को मॉडल विलेज के लिए रूप में विकसित करने का निर्देश दिया, जिनमें सभी आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
सीमावर्ती इलाकों के विकास की समीक्षा के दौरान 17 राज्यों के अधिकारियों के साथ-साथ 25 सीमावर्ती जिलों के डीएम ने इलाके की जरूरतों और अब किये गए कार्यो की रूपरेखा प्रस्तुत की। राजनाथ सिंह का कहना था कि सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोग देश के लिए सामरिक लिहाज से काफी अहम हैं और देश की सीमाओं की सुरक्षा की अहम कड़ी भी हैं। यही कारण है सरकार इन इलाकों के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है ताकि वहां रहने वाले लोगों के सड़क, बिजली, अस्पताल, स्कूल और रोजगार के साधन उपलब्ध कराए जा सकें।
सबसे अहम बात यह है कि अब सीमावर्ती इलाकों के विकास के फंड के लिए राज्यों को केंद्र की दौड़ नहीं लगानी होगी। राज्य सरकारें अब इन इलाकों के विकास योजना बनाकर उसे आनलाइन सिस्टम पर डाल देंगे। केंद्रीय गृहमंत्रालय आनलाइन ही उसे मंजूरी दे देगा और उसके लिए जरूरी फंड राज्य को जारी कर दिये जाएंगे। यही नहीं, इन योजनाओं पर हो रहे कामों को भी आनलाइन निगरानी की जाएगी। ताकि उन्हें पूरा करने में अनावश्यक देरी नहीं हो।
61 सीमावर्ती गांवों को मॉडल विलेज के रूप में विकसित करने पर कुल 126 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसके तहत इन गावों में प्राथमिक विद्यालय, प्राथमिकता चिकित्सा केंद्र, कम्युनिटी सेंटर, सड़क संपर्क, नालियों, पीने के शुद्ध पानी जैसी आधारभूत सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा।
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