लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक व उनकी पत्नी कुंदा नाईक ने रविवार को राजभवन स्थित सैय्यद बाबा की मज़ार के पास आम की ‘अम्बिका प्रजाति’ के दौ पौधे लगाए। ये पौधे एक वर्ष के हैं जो काकोरी के प्रगतिशील आम उत्पादक एस.सी. शुक्ला द्वारा राजभवन को भेंट किये गये हैं। इस प्रजाति की विशेषता है कि पौधे दो वर्ष होने पर फल देना शुरू कर देते हैं। यह पौधा ‘दशहरी‘ और ‘जनार्दन पसंद‘ की संकर प्रजाति का है। इसके फल पहले-पहले हरे और बैंगनी रंग के होते हैं जो पकने के बाद पीले और लाल रंग के हो जाते हैं और इनका स्वाद भी बहुत अच्छा होता है। अम्बिका प्रजाति को उत्तर प्रदेश आम महोत्सव ‘मैंगो-फैस्ट 2015‘ में आम की 725 प्रजातियों में, जो तेलंगाना से लेकर हिमाचल प्रदेश तक से आयी थी, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्श के रूप में चयनित किया गया था।
राज्यपाल को एस.सी. शुक्ला ने अपने उद्यान का ‘आल स्पाइस‘ का पौधा, ‘पान‘ का पौधा, आम के बने अन्य उत्पाद व नीम का शहद भी सप्रेम भेंट के तौर पर दिया। राज्यपाल से शुक्ला ने पूर्व में भी भेंट कर एक ज्ञापन प्रस्तुत किया था जिस पर राज्यपाल ने प्रदेश के पर्यटन मंत्री ओम प्रकाश सिंह को पत्र लिखकर सुझाव दिया था कि लखनऊ के मशहूर दशहरी आम की प्रजाति का 152 वर्ष पुराना पैतृक वृक्ष जो काकोरी शहीद स्थल से मात्र दो किमी. की दूरी पर स्थित है, उसे लखनऊ आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बनाने के उद्देश्य से विकसित किया जाये। राज्यपाल के सुझाव पर राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश ग्रामीण पर्यटन नीति के अंतर्गत दशहरी गाँव का चयन करते हुए ग्रामीण पर्यटन प्रबन्ध समिति गठित की गयी। उल्लेखनीय है कि दशहरी गाँव को आई स्पर्श योजना में अंगीकृत करते हुए जिलाधिकारी द्वारा यू0पी0 डास्प के माध्यम से रूपये 13.6 करोड़ की योजना शासन को स्वीकृति हेतु प्रेषित की गयी है।
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