लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने मंगलवार को आयोजित ‘जश्न-ए-आज़ादी‘ एवं ‘शौर्यांजलि‘ समारोह में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं शहीदों के परिजनों को अंग-वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर काकोरी के शहीदों को भी याद किया।काकोरी के शहीदों को याद करते हुए राज्यपाल ने कहा कि देश की आजादी के लिये रामप्रसाद बिस्मिल, राजेन्द्र सिंह लाहिरी, अशफाक उल्ला खां को अपने अन्य साथियों सहित काकोरी टेªन एक्शन में फांसी तक जाना पड़ा था। हर एक ने अपने-अपने ढंग से आजादी के संघर्ष में योगदान किया। उन्होंने कहा कि आजादी के लिये संघर्ष करने वालों को याद रखने की जरूरत है।श्री नाईक ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा जनतांत्रिक देश है। भविष्य में भारत विश्व का सबसे युवा देश होगा। देश के लिए हमने क्या किया है, इसका आत्मविश्लेषण करने की जरूरत है। सरकार के साथ-साथ समाज को सही मार्गदर्शन देना हम सबका कर्तव्य है। भारत ‘वसुधैव कुटुम्बकम्‘ की परम्परा में विश्वास करता है। बिना किसी भेदभाव के गरीब, पीड़ित एवं पिछड़ों को आगे बढ़ाने का प्रयास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज स्वराज को सुराज में परिवर्तित करने की जरूरत है।इस मौके पर विधान परिषद के सदस्य अशोक बाजपेयी ने कहा कि लम्बे संघर्ष के बाद देश को आजादी मिली है। देश की आजादी को बनाये रखने की जरूरत है। नौजवान पीढ़ी शहीदों के चरित्र से प्रेरणा प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि देश पर बलिदान करने वाले शहीद हमारे लिए पूजनीय हैं।अखिल भारतीय लोकाधिकार संगठन उत्तर प्रदेश एवं महाकवि बाण फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में वयोवृद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डाॅ0 हवलदार सिंह, मुरलीधर आहूजा सहित अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे।पूर्व में राज्यपाल ने शहीदों के चित्र पर पुष्प अर्पित किये। इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डाॅ0 हवलदार सिंह सहित शहीद केवलानंद द्विवेदी, शहीद कैप्टन मनोज पाण्डे, शहीद सुनील जंग व अन्य शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन राजधानी के सीतापुर रोड स्थित पालकी हाल में किया गया था।